Uttar Pradesh News: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) के माघ मेले (Magh Mela) में इस्लामिक व दूसरे आपत्तिजनक साहित्य बेचने व मुफ्त बांटे जाने के सनसनीखेज मामले में प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस का दावा है कि यह काम विदेशी ताकतों के इशारे पर किया जा रहा था. अबू धाबी से फंडिंग हासिल कर सनातन धर्मियों की आस्था के सबसे बड़े मेले में इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार किया जा रहा था. ऐसे सॉफ्ट टारगेट तलाशे जा रहे थे, जिनका बाद में धर्मांतरण (Religious Conversion) कराया जा सके. प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में अब गहराई से छानबीन किए जाने और पूरे नेटवर्क अब पता लगाने की बात कही है.


मास्टरमाइंड समेत 3 गिरफ्तार
पुलिस ने मास्टरमाइंड मदरसा टीचर के साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. उनके खिलाफ नफरत फैलाने और माहौल बिगाड़ने के साथ ही कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. गिरफ्तार किए गए तीन में से दो लोगों को कुछ सालों पहले ही धर्मांतरण करा कर इस्लाम धर्म कबूल कराया गया था. पकड़ा गया मास्टरमाइंड बज्मे ए पैग़ाम ए बहदानियत संस्था का प्रमुख भी है. इस मामले को सबसे पहले बीजेपी की महिला विधायक निर्मला पासवान ने उठाया था. उन्होंने इस बारे में साजिश की आशंका जताते हुए मेले से जुड़े अफसरों के साथ ही यूपी सरकार से भी शिकायत की थी. उनकी शिकायत के बाद ही सरकारी अमला हरकत में आया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रयागराज पुलिस दूसरी एजेंसियों की भी मदद ले रही है.


मास्टरमाइंड का विदेशी कनेक्शन
प्रयागराज के एडिशनल डीसीपी क्राइम सतीश चंद्र के मुताबिक मास्टरमाइंड महमूद हसन गाजी के विदेशों से कनेक्शन हैं. वह प्रयागराज के साथ ही वाराणसी समेत हिंदुओं की आस्था के दूसरे बड़े केंद्रों पर भी इसी तरह से इस्लामिक साहित्य बिकवाता व उन्हें मुफ्त बंटवाता है. इसके साथ ही सनातन धर्मियों की किताबों को नए सिरे से छपवा कर उनके तथ्यों में फेरबदल किया जाता था. इस्लामिक किताबें मुफ्त में लेने वालों के वह फोटो खिंचवाकर उनके मोबाइल नंबर भी हासिल करता था. इन लोगों को बाद में इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए उकसाया जाता था. 


अबू धाबी से मिलती थी मोटी रकम
मास्टरमाइंड महमूद हसन गाजी ना सिर्फ एक मदरसे में टीचर है, बल्कि एक धार्मिक संस्था भी चलाता है. इस काम के लिए उसे अबू धाबी से हर महीने मोटी रकम भी भेजी जाती थी. मास्टरमाइंड महमूद हसन गाजी के साथ ही गिरफ्तार किया गया मोहम्मद मोनिश पहले आशीष कुमार गुप्ता था, जबकि मोहम्मद समीर नरेश कुमार सरोज हुआ करता था. दोनों ने कुछ सालों पहले ही इस्लाम धर्म कबूल किया था. मोहम्मद मोनिश स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के पूर्वी उत्तर प्रदेश का जोनल सचिव भी बन गया था.


हिंदूवादी संगठनों ने जतायी नाराजगी
पकड़े गए मोनिश और समीर मकर संक्रांति के दिन प्रयागराज के माघ मेले के परेड इलाके में इस्लामिक व दूसरे आपत्तिजनक साहित्य बेच व बांट रहे थे. पुलिस ने इनके कब्जे से 400 किताबें व कैलेंडर भी बरामद किए हैं. अबू धाबी कनेक्शन से भारत में किन अन्य जगहों पर भी इस तरह की गतिविधियां चलाई जा रही थी, पुलिस अब इसका भी पता लगाने की कोशिश में है. आस्था के माघ मेले में इस तरह की गतिविधियां संचालित होने पर बीजेपी की महिला विधायक निर्मला पासवान के साथ ही तमाम संत महात्माओं और हिंदूवादी संगठनों ने गहरी नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की थी.


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