Prayagraj Magh Mela 2023: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) के माघ मेले (Magh Mela) में कल 14 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का स्नान पर्व है. माघ मेले का ये दूसरा स्नान पर्व होगा. मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज के माघ मेले में 40 से 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. ग्रहों और नक्षत्रों के विशेष संयोग और खुले मौसम की वजह से माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा प्रशासन के अनुमान से भी ज्यादा हो सकता है. मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराए जाने और सभी तैयारियां पूरी होने का दावा किया है.


मकर संक्रांति के स्नान पर्व के लिए कई किलोमीटर क्षेत्रफल में 14 घाट बनाए गए हैं. इन घाटों पर चेंजिंग रूम और साफ-सफाई से लेकर कई दूसरी व्यवस्थाएं की गई हैं. पर्व के मौके पर श्रद्धालु संगम से नाव तक जा सकेंगे, लेकिन मोटर बोटों का संचालन प्रतिबंधित रहेगा. इसके साथ ही सुरक्षा के विशेष इंतजाम रहेंगे. मेला क्षेत्र में तकरीबन 5000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा पैरामिलिट्री फोर्स और एटीएस कमांडो खास तौर पर निगहबानी करेंगे.


मकर संक्रांति के स्नान को लेकर तैयारी


घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए डीप वाटर बैरिकेडिंग की गई है. इसके अलावा जल पुलिस के गोताखोर भी खास तौर पर तैनात रहेंगे. माघ मेले के एसएसपी डॉ राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र में 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. 

मकर संक्रांति का पर्व वैसे तो समूची दुनिया में आस्था पूर्वक मनाया जाता है, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज में विशेष महत्व है. धर्म गुरु स्वामी ब्रह्माश्रम के मुताबिक मकर संक्रांति के मौके पर उत्तरायण होते सूर्य के दर्शन के लिए प्रयागराज में तमाम देवी देवता भी मौजूद रहते हैं. उनके मुताबिक इस मौके पर तिल और गर्म कपड़ों के दान का विशेष महत्व होता है. 


प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
प्रयागराज के माघ मेले में मकर संक्रांति का स्नान ब्रह्म मुहूर्त यानी भोर में तकरीबन 3:30 बजे से ही शुरू हो जाएगा. मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आज एक दिन पहले ही पुण्य की डुबकी लगाने के लिए आ चुके हैं. स्नान पर्व के मद्देनजर तमाम बड़े अधिकारी आज मेला क्षेत्र में मुस्तैदी के साथ ग्राउंड जीरो पर उतर कर तैयारियों का जायजा लेते हुए नजर आए. अधिकारियों ने सभी तैयारियां पूरी हो जाने का दावा किया है. दो साल के बाद ये पहला मौका होगा, जब श्रद्धालु कोविड की बंदिशों से मुक्त होकर स्नान कर सकेंगे. हालांकि कोरोना के खतरे के मद्देनजर इस बार भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और साथ ही 100 से ज्यादा जगहों पर कोविड हेल्प डेस्क भी बनाई गई है. 


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