प्रयागराज, एबीपी गंगा। कोरोना वायरस से बचने का इकलौता हथियार सोशल डिस्टेंसिंग है। लॉक डाउन के बाद रोजमर्रा की ज़िंदगी फिर से पटरी पर लौट सके और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होता रहे, इसके लिए इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर ने अनूठा सॉफ्टवेयर तैयार किया है। विंडोज़ सपोर्टेड एसएमएस बेस्ड यह सॉफ्टवेयर सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाने में ख़ासा मददगार साबित हो सकता है। ख़ास बात यह है कि इसे मामूली खर्च में इस्तेमाल किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर सिर्फ सर्विस प्रोवाइडर को ही अपने कम्प्यूटर या लैपटॉप में रन कराना होगा। बाकी लोगों को सॉफ्टवेयर के बिना ही एसएमएस के ज़रिये सूचनाएं मिलती रहेंगी। इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में आसानी होगी, बल्कि लोगों का काफी वक़्त भी बचेगा और साथ ही कई दूसरी तरह के भी फायदे होंगे।


इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रोफ़ेसर डा० रजनीश श्रीवास्तव द्वारा तैयार किये गए इस सॉफ्टवेयर का नाम मोबाइल क्यू है। एमएमएस बेस्ड इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल राशन की दूकान, पेट्रोल पम्प, एलपीजी गोदाम, डॉक्टर्स की ओपीडी, टिकट बुकिंग, बिल जमा करने और बैंक वगैरह में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर को रन कराने के बाद सर्विस प्रोवाइडर को एक नंबर जारी करना होगा। इस नंबर कोई भी व्यक्ति मैसेज भेजकर टोकन ले सकता है।


टोकन के साथ ही सेवा शुरू होने और संबंधित टोकन के संभावित समय की जानकारी एसएमएस के ज़रिये मिल जाएगी। इतना ही नहीं बीच बीच में अपडेट जानकारी भी मोबाइल पर आती रहेगी। इससे लोगों का न सिर्फ समय बचेगा बल्कि इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होता रहेगा। रिसर्च करने वाले प्रोफ़ेसर रजनीश श्रीवास्तव चाहते हैं कि सरकार उनके इस सॉफ्टेवयर को लेकर इसे और अपग्रेड करा ले। इसके साथ ही इसे एंड्रायड बेस भी बनवा ले, ताकि मोबाइल पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सका। वह इस सॉफ्टवेयर का कई राउंड में परीक्षण भी कर चुके है।