Prayagraj News: अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही हिंसा अब भले थम गई हो, लेकिन ट्रेनें अब भी पूरी तरह पटरी पर नहीं आ सकी हैं. अकेले नार्थ सेंट्रल रेलवे ज़ोन (North Central Railway Zone) की बात करें तो हफ्ते भर में ढाई सौ से ज़्यादा ट्रेनें रद्द हो चुकी हैं. बीते 24 घंटे में दो दर्जन से ज़्यादा ट्रेनें कैंसिल की गई हैं. जोन में पीआरएस यानी रेलवे के बुकिंग काउंटर (Railway Booking Counter) से हुए रिजर्वेशन में से एक तिहाई टिकट निरस्त करा दिए गए हैं.
बड़ी संख्या में कैंसिल कराए जा रहे हैं टिकट
ये हाल तब है, जब नार्थ सेंट्रल रेलवे ज़ोन के स्टेशनों पर हिंसा का कोई ख़ास असर नहीं पड़ा है. रेलवे का कहना है कि कैंसिल हुई ट्रेनों के यात्रियों को फुल रिफंड दिया जा रहा है. प्रयागराज जंक्शन के रिजर्वेशन सेंटर पर इन दिनों जितनी भीड़ रिजर्वेशन कराने वालों की है, कमोवेश उसी के आस-पास टिकट कैंसिल कराने वालों की भी है. यहां पिछले एक हफ्ते में बड़ी संख्या में ट्रेनें रद्द हुई हैं. एक अनुमान के मुताबिक प्रयागराज समेत एनसीआर ज़ोन के दूसरे बड़े स्टेशनों पर बुक हुए हर तीन में से औसतन एक टिकट कैंसिल कराया जा रहा है. इससे तमाम दूसरी ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है और लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है.
3-4 दिनों में सामान्य हो पाएंगे हालात
नार्थ सेंट्रल रेलवे ज़ोन के पीआरओ अमित मालवीय के मुताबिक कई ट्रेनों के जहां-तहां खड़े होने से रैक को लेकर समस्या हो रही है. उनके मुताबिक अगले तीन से चार दिनों में हालात पूरी तरह सामान्य हो सकते हैं. जहां ज़्यादा ओवरलोड है, वहां स्पेशल ट्रेनों के ज़रिये यात्रियों का सफर सुनिश्चित कराया जा रहा है. पीआरओ ने कहा कि हिंसा की घटनाएं थमने के बावजूद अब भी स्टेशनों पर सतर्कता बरती जा रही है. इसके साथ ही हिंसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ ट्रेनें लगातार निरस्त होने से यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं रेलवे को भी रोज़ाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है. रेलवे अब स्पेशल ट्रेनों के ज़रिये ओवरलोड को कम करने और यात्रियों को सहूलियत मुहैया कराने की कोशिश में हैं.
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