प्रयागराज, मोहम्मद मोईन: लॉकडाउन की बंदिशों में 50 दिनों तक यात्री ट्रेनें बंद रहने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे ने अब सैलरी के अलावा के खर्चों में 20 फीसदी की कटौती किए जाने का फैसला किया है. नार्थ सेंट्रल और नार्दन रेलवे ज़ोन के जीएम राजीव चौधरी के मुताबिक, यात्री ट्रेनें बंद होने से रेलवे को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि, इस दौरान बड़ी संख्या में मालगाड़ियां चलाकर इस नुकसान की भरपाई की गई है. आने वाले दिनों में भी यात्री ट्रेनें पहले की तरह पूरी क्षमता से चलने की उम्मीद कम हैइसके मद्देनजर रेलवे ने अपने खर्च में कटौती करने का फैसला किया है. इसके तहत सैलरी के अलावा होने वाले खर्च में 20 फीसदी तक की कटौती की जाएगी.


दो जोन नार्थ सेंट्रल और नार्दन रेलवे के जीएम राजीव चौधरी ने लॉकडाउन के दौरान रेलवे द्वारा किए गए कामों की जानकारी देने के लिए वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन के दौरान रेलवे के अनुभवोंतैयारियों और सेवाओं के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में रेलवे भी एक नए दौर से गुजर रहा है. इस दौरान कई तरह के प्रयोग किए गए हैं. उनके मुताबिक, लॉकडाउन में ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद रेलवे ने ट्रैक और मेंटेनेंस के दूसरे कामों को बेहतर तरीके से किया. रेलवे ने 50 दिनों में जहां बड़ी संख्या में पीपीई किट तैयार की. वहीं, अकेले एनसीआर जोन ने 130 आइसोलेशन कोच तैयार किए. कोरोना के खतरे को देखते हुए फिलहाल कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करने की कोई योजना नहीं है.



जीएम राजीव चौधरी ने बताया कि रेलवे ने बड़ी संख्या में ज़रूरतमंदों तक खाना पहुंचाया. सभी स्टाफ ने अपनी एक दिन की सैलरी राहत कोष में दान दी. इसके साथ ही, अपने अस्पतालों में दूसरे कर्मचारियों को इलाज की सुविधा मुहैया कराई.


 उनके मुताबिक, आने वाले दिनों में कोरोना के बीच ही रेलवे का सफर तय करना होगा. इसके लिए रेलवे अपनी तरफ से इंतजाम कर ही रहा है. साथ ही, यात्रियों को भी एहतियात बरतना होगा। खाने-पीने का सामान और बिस्तर खुद ही लाना होगा. मास्क का इस्तेमाल जरूरी होगा. तबीयत ठीक नहीं होने पर सफर नहीं करना चाहिए और एयरपोर्ट की तर्ज पर अब एक से डेढ़ घंटे पहले स्टेशन पहुंचना होगा. एनसीआर जोन के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने भी यात्रियों को एहतियात बरतने और सहयोग करने की अपील की है.


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