प्रयागराज: रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी ने किया कोर्सेज में बदलाव, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर फोकस
रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी इसी सेशन से कई इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू कर रही है. प्रयागराज मंडल के 632 कालेज इससे सम्बद्ध हैं.
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Rajju Bhaiya State University: प्रयागराज की रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी ने कोरोना काल में अपने यहां के पाठ्यक्रमों में बड़े पैमाने पर बदलाव किये जाने का फैसला किया है. इस बदलाव के तहत अब पाठ्य्रक्रमों को अब न सिर्फ रोज़गारपरक बनाया जा रहा है, बल्कि स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं की अलग से तैयारी भी कराई जाएगी. यूनिवर्सिटी इसी सेशन से कई इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू कर रही है. इसके साथ ही सीबीसीएस सिस्टम लागू कर स्टूडेंट्स को हर साल कोई रिजल्ट देने का भी फैसला किया गया है. इंटीग्रेटेड कोर्सेज में स्टूडेंट्स को एक सब्जेक्ट दूसरी फैक्लटी से भी लेने की छूट रहेगी. सीबीसीएस सिस्टम के तहत छात्र प्रोफेशनल कोर्स में भी पढ़ाई कर सकेंगे.
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार सिंह के मुताबिक़ यूनिवर्सिटी में इन दिनों तकरीबन सवा चार लाख स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. प्रयागराज मंडल के 632 कालेज इससे सम्बद्ध हैं. उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी ने यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किये हैं. इसके तहत ही मौजूदा सेशन से आर्ट फैकल्टी में तीन और कॉमर्स में एक इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किया जा रहा है. सीबीसीएस - क्रेडिट और सेमेस्टर सिस्टम पर शुरू किये जा रहे पांच साल के इन कोर्सेज में स्टूडेंट्स इंटर यानी 12वीं के बाद सीधे दाखिला ले सकेंगे. इसमें एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को पहले साल सर्टिफिकेट, दूसरे साल डिप्लोमा, तीसरे साल डिग्री, चौथे साल ग्रेजुएशन रिसर्च और आख़िरी साल संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाएगी. यह सभी पाठ्यक्रम सेमेस्टर पर आधारित होंगे. परीक्षाएं ग्रेडिंग के आधार पर होंगी. सीधे नंबर देने के बजाय ग्रेड दिए जाएंगे.
स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अलग से भी कराई जाएगी
वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार सिंह के मुताबिक़ पाठ्यक्रमों में बदलाव कर उन्हें इस तरह से तैयार किया जा रहा है ताकि स्टूडेंट्स को डिग्री व डिप्लोमा के साथ ही रोज़गार हासिल करने में भी आसानी हो. उन्होंने जानकारी दी है कि इसके साथ ही स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अलग से भी कराई जाएगी. इसके लिए विषय विशेषज्ञों के अलावा पूर्व व मौजूदा अफसरों के लेक्चर भी कराए जाएंगे. उन्होंने बताया कि नक़ल पर अंकुश लगाने के लिए भी इस सेशन से कई कदम उठाए जा रहे हैं.
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