प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक के दूसरे दिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कई अहम फैसले लिए गए. दूसरे दिन की बैठक के दूसरे सत्र में राम मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री और वीएचपी नेता चम्पत राय भी खास तौर पर शामिल हुए. बैठक में राम मंदिर को भव्य और दिव्य बनाने के साथ ही इसे जन सहभागिता के जरिये तैयार किये जाने का फैसला किया गया.


मंदिर निर्माण में जन सहभागिता होनी चाहिए
संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत आरएसएस के अन्य नेताओं ने इसके लिए चम्पत राय को कई जरूरी सुझाव भी दिए. कहा यह गया कि मंदिर आम लोगों के सपनों के मुताबिक तैयार होना चाहिए. मंदिर निर्माण में ज्यादा से ज्यादा जन सहभागिता होनी चाहिए. संघ के सुझाव पर नई दिल्ली में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक आपात बैठक भी बुला ली गई है. ये बैठक 26 नवंबर को नई दिल्ली में होगी. इसमें संघ की तरफ से कोई-कोई नेता विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हो सकता है.


घर-घर जाकर संपर्क करने की रणनीति
सूत्रों के मुताबिक 26 नवंबर को नई दिल्ली में बुलाई गई आपात बैठक में मंदिर के निर्माण में तेजी लाने, उसके स्वरुप को भव्यता और दिव्यता प्रदान करने, साथ ही आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने पर औपचारिक चर्चा की जाएगी. वैसे संघ की आज की बैठक में मोटे तौर पर 26 की बैठक का खाका तय कर लिया गया है. इसमें देश के तकरीबन चार लाख दस गांवों के ग्यारह करोड़ परिवारों से घर-घर जाकर संपर्क करने की रणनीति तय की गई है.


लिया जाएगा दस रूपये का चंदा
इन ग्यारह करोड़ परिवारों के हरेक सदस्य से कम से कम दस रूपये का चंदा आर्थिक सहयोग के तौर पर लिया जाएगा. इसके साथ ही इन सभी से मंदिर निर्माण को लेकर इनकी अपेक्षाओं के बारे में भी फीड बैक लिया जाएगा. संघ का मानना है कि आर्थिक सहयोग करने और अपेक्षाएं बताने से आम नागरिकों को अपने सपनों का मंदिर तैयार होने का एहसास होगा.


कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन
पहले ये विचार किया गया था कि संघ के सहयोगी संगठन गांवों में जाकर दो सौ से तीन सौ लोगों की सभा कर उनसे मंदिर निर्माण के बारे में बात कर आर्थिक सहयोग लेंगे. लेकिन, संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत अन्य नेताओं ने गांवों में सभा या बैठक करने के बजाय घर-घर जाकर सीधे संपर्क करने का सुझाव दिया है. संघ के फ्रंटलाइन के नेताओं के मुताबिक ऐसा करने से कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन होगा और साथ ही आम लोगों के घर जाने पर उन्हें भावनात्मक तौर पर भी मंदिर निर्माण से जोड़ा जा सकेगा.

सामाजिक समरसता पर होगा खास ध्यान
संपर्क करने का अभियान दिसंबर के दूसरे हफ्ते से पूरे देश में एक साथ शुरू किया जा सकता है. इसका जिम्मा वीएचपी समेत संघ के आनुसांगिक संगठनों को ही दिया जाएगा. शुरुआत कुछ ऐसी चुनिंदा हस्तियों से की जाएगी, जिनकी सहभागिता और सहयोग का बड़ा संदेश समाज में जा सके. इसमें सामाजिक समरसता का खास ध्यान रखा जाएगा, ताकि समाज में निचले पायदान और उपेक्षित तबके के लोगों की भी सहभागिता कराई जा सके. इन सभी पर 26 नवंबर को औपचारिक तौर पर मुहर लगाकर उसकी रणनीति को सार्वजनिक किया जाएगा.


कैमरे पर कुछ भी बोलने से किया मना
चम्पत राय समेत मंदिर ट्रस्ट के कई पदाधिकारियों की कल भी संघ के नेताओं के साथ अनौपचारिक तौर पर बैठक होगी. 26 नवंबर की बैठक में महंत नृत्य गोपाल दास समेत कुछ सदस्य अस्वस्थ होने और कोविड की वजह से सीधे तौर पर शामिल नहीं होंगे, लेकिन ये लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग और फोन के जरिये बैठक में जुड़े रहेंगे और अपने सुझाव देंगे. मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने ABP गंगा चैनल से बात करते हुए इन फैसलों की अनौपचारिक तौर पर तो पुष्टि की, लेकिन कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया.



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