UP News: प्रयागराज में हर साल 50 से ज़्यादा जगहों पर रामलीलाओं का आयोजन होता है, लेकिन श्री पथरचट्टी कमेटी की रामलीला इनमे सबसे भव्य और आकर्षक होती है. लाइट एंड साउंड की टेक्नीक के सहारे होने वाली इस रामलीला को देश की चुनिंदा हाईटेक रामलीलाओं में शुमार किया जाता है. यह रामलीला डबल स्टोरी यानी दो मंजिला वाले डबल स्टेज पर होती है. इसमें नई तकनीकों का इस्तेमाल कर हनुमान-सूर्पनखा और दूसरे यांत्रिक पात्रों को हवा में उड़ते हुए दिखाया जाता है, तो कई दूसरे प्रसंग हाइड्रोलिक लिफ्ट के जरिये प्रकट होते नजर आते हैं. लाइट एंड साउंड के सहारे बेहद हाईटेक अंदाज़ में होने वाली इस रामलीला को ABP न्यूज़ नेटवर्क और दूसरे फोरम द्वारा देश की सर्वश्रेष्ठ रामलीला के खिताब से भी नवाजा जा चुका है.


हर साल ढाई करोड़ रूपये होते हैं खर्च
यहां की रामलीला ढाई सौ फीट चौड़े डबल स्टोरी के स्टेज पर होती है. यहां का मंच इतना बड़ा होता है कि एक बार में आठ से दस प्रसंगों का मंचन किया जा सकता है. डबल स्टोरी स्टेज के अलावा तीन सौ फीट की ऊंचाई पर कैलाश पर्वत का सेट अलग से तैयार किया जाता है, जिस पर भगवान शिव माता पार्वती को पूरे रामायण का प्रसंग सुनाते हैं. यहां की अनूठी रामलीला में सौ से ज्यादा कलाकार डेढ़ महीने पहले से ही रिहर्सल शुरू कर देते हैं, जबकि सौ से ज्यादा टेक्नीशियन और दूसरे लोग रात दिन काम कर इसे भव्य स्वरुप प्रदान करते हैं. यहां की रामलीला इतनी भव्य और आकर्षक होती है कि इसके आयोजन में हर साल तकरीबन ढाई करोड़ रूपये खर्च होते हैं. 




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महंगे कॉस्ट्यूम, हाइटेक स्वरुप, आकर्षक लाइटिंग और दूरदर्शन और थियेटर से जुड़े हुए मंझे हुए कलाकारों के साथ ही गीत-संगीत के बीच होने वाली प्रस्तुति यहां की रामलीला को बाकी जगहों से बेहद अलग और आकर्षक बनाती है. यहां की रामलीला को देखने के बाद ऐसा लगता है, मानो जैसे रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण हो रहा हो. राम-रावण युद्ध के प्रसंगों के मंचन के लिए मणिपुरी मार्शल आर्ट में पारंगत कलाकारों को लगाया जाता है. इसी तरह से दूसरे प्रसंग भी दिखाए जाते हैं.


प्रतिदिन होती है हजारों लोगों की भीड़
मान्यताओं के मुताबिक प्रयागराज की यह रामलीला गोस्वामी तुलसीदास के समय से हो रही है, लेकिन मौजूदा जगह पर इस नाम से यह पिछले पौने दो सौ साल से हो रही है. तकनीक के हाईटेक इस्तेमाल और लाइट एंड साउंड के जरिये होने वाले आकर्षक प्रस्तुतीकरण की वजह से श्री पथरचट्टी कमेटी की रामलीला बेहद लोकप्रिय है. इसे देखने के लिए रोजाना हजारों की तादात में लोग इकट्ठे होते हैं. दूसरी तमाम रामलीलाओं में जहां दर्शकों का अभाव होता है, वहीं यहां की रामलीला में इंट्री पाने के लिए लोगों को खासी जद्दोजेहद करनी पड़ती है. यहां की रामलीला का मंचन इतने आकर्षक अंदाज में होता है कि दर्शक अपनी सुध बुध खोकर पात्रों और किरदारों में डूब जाते हैं.


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