Prayagraj News: साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhada Parishad) के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) के करीबी रहे आदित्य मिश्रा (Aditya Mishra) की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है. उनका शव संदिग्ध हालत में बरेली में मिला है. दावा किया जा रहा है कि आदित्य मिश्रा की मौत सड़क हादसे में हुई है, लेकिन परिवार के लोग और करीबी इसके पीछे किसी साजिश की आशंका जता रहे हैं.
उनका मानना है कि आदित्य मिश्रा की हत्या भी हो सकती है और मामले पर पर्दा डालने के लिए उसे सड़क हादसे बताने की कोशिश की जा सकती है. परिवार वाले चाहते हैं इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि आदित्य मिश्रा की मौत का सच सामने आ सके.
क्यों उठ रहे साजिश को लेकर सवाल
महंत नरेंद्र गिरि ने आदित्य मिश्रा को प्रयागराज में लेटे हुए हनुमान जी मंदिर परिसर में एक दुकान भी दे रखी थी. दोनों का आपस में पैसों का लेनदेन भी चलता था. महंत नरेंद्र गिरि ने पिछले साल 20 सितंबर को खुदकुशी से पहले लिखे गए सुसाइड नोट में भी आदित्य मिश्रा के नाम का जिक्र किया था. हालांकि दोनों में विवाद भी हुआ था और महंत नरेंद्र गिरि ने आदित्य मिश्रा से लड्डुओं की दुकान भी खाली करा ली थी. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आदित्य मिश्रा की मौत सड़क हादसे में ही हुई है या इसके पीछे कोई साजिश है.
साजिश को लेकर महंत नरेंद्र गिरि के एंगल के साथ ही कई और पहलू भी है. कई विभागों में ठेकेदारी करने वाले आदित्य मिश्रा ने दो शादियां की हुई थी रिश्तो को लेकर भी ससुराल वालों से विवाद चल रहा था. हादसे में आदित्य मिश्रा के एक करीबी दोस्त भी मौत का शिकार हुए हैं, जबकि 3 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं.
बारात में प्रयागराज से देहरादून गए थे आदित्य मिश्रा
परिवारवालों के मुताबिक आदित्य मिश्रा अपनी इनोवा कार से एक परिचित की बारात में प्रयागराज से देहरादून गए थे. पहले उन्हें ट्रेन से जाना था, लेकिन बाद में उन्होंने ट्रेन का टिकट कैंसिल करा कर सड़क मार्ग से जाने का फैसला लिया. कल दोपहर देहरादून से वापस प्रयागराज के लिए रवाना हुए थे. उनके साथ उनका बेटा हर्ष, एक करीबी मित्र, गनर पुनीत तिवारी व एक अन्य शख्स भी था. आदित्य मिश्रा अपने साथ कोई अलग ड्राइवर नहीं ले गए थे. देर रात परिवार वालों को खबर मिली कि आदित्य मिश्रा की कार का बरेली में एक्सीडेंट हो गया है, जिसमें आदित्य और उनके दोस्त अशोक पांडे की मौत हो गई है. इससे पूरे परिवार में हड़कंप मच गया परिवार के ज्यादातर सदस्य बरेली जा चुके हैं.
परिवार वालों ने लगाया ये आरोप
आदित्य का शव देर रात प्रयागराज पहुंचने की संभावना है. उनके बूढ़े मां बाप और परिवार के कई दूसरे सदस्यों को अभी तक हादसे की खबर नहीं दी गई है. परिवार वाले अभी दुखी हैं, लेकिन वह इस बात की आशंका जता रहे हैं कि इसके पीछे कोई साजिश हो सकती है. परिवार के लोग चाहते हैं कि मामले की जांच पुलिस निष्पक्ष तरीके से हो ताकि मौत का असली सच सामने आ सके. यह जानकारी मिल सके कि कहीं किसी ने हत्या तो नहीं की या उनकी गाड़ी को जानबूझकर टक्कर तो नहीं मारी गई. अगर इस तरह की कोई साजिश है तो वह सामने आनी चाहिए.
लड्डू की दुकान चलाता था आदित्य मिश्रा
आदित्य मिश्रा अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के बेहद करीबियों में माने जाते थे. चर्चा इस बात की है कि महंत नरेंद्र गिरि के प्रभाव के चलते ही बीजेपी ने उन्हें जिले की कमेटी में मंत्री बनाया था. वह ग्राम प्रधान का चुनाव भी लड़ चुके थे और इस बार विधानसभा चुनाव में भी टिकट चाहते थे. महंत नरेंद्र गिरि ने आदित्य मिश्रा को बाघम्बरी मठ द्वारा संचालित प्रयागराज में संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर में लड्डू की एक दुकान भी दे रखी थी.
महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या में आ चुका था आदित्य मिश्रा का नाम
हालांकि कई विभागों में ठेकेदारी करने वाले आदित्य मिश्रा का नाम महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में भी लिखा था. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा था कि आदित्य मिश्रा से उन्हें 25 लाख रुपए लेना था. हालांकि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद भी आदित्य मिश्रा का हनुमान मंदिर व बाघम्बरी मठ आना जाना लगा रहता था. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि कहीं उनकी मौत के पीछे बाघम्बरी मठ का कोई कनेक्शन तो नहीं है. परिवार वाले इन्हीं वजहों से मौत की उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं. आदित्य मिश्रा की मौत महज सामान्य सड़क हादसा है या इसके पीछे कोई साजिश है, अब इसका पता तो बरेली पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही चल सकेगा.