UP News: ज्ञानवापी विवाद (Gyanvapi Masjid Case) के बीच तीर्थराज प्रयागराज (Prayagraj) में संगम के आस-पास पांच किलोमीटर के दायरे में मांस-मछली-अंडा और शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग बढ़ रही है. साथ ही इसके सेवन पर पूरी तरह रोक लगाए जाने की मांग जोर-शोर से उठाई गई है. यह मांग विश्व हिन्दू परिषद (Vishva Hindu Parishad) के फायर ब्रांड नेता लालमणि तिवारी की तरफ से की गई है. 


इस बारे में सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को चिट्ठी लिखी गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर सरकार ने जल्द ही इस मांग पर गौर नहीं किया तो जरुरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.


किसने लिखी चिट्ठी
सीएम योगी को यह चिट्ठी विश्व हिन्दू परिषद के काशी प्रांत के गौ रक्षा विभाग के मंत्री लालमणि तिवारी ने लिखी है. कहा गया है कि प्रयागराज में संगम के तट पर महाकुंभ और कुंभ मेलों के साथ ही हर साल माघ मेले का आयोजन होता है. यहां रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा-यमुना और अदृश्य त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना के लिए आते हैं. संगम क्षेत्र के आस-पास बड़ी संख्या में खुले तौर मांस-मछली-अंडा और मदिरा बिकती है.


तमाम लोग सड़क पर सार्वजनिक तौर पर इनका सेवन करते हैं. इससे संगम आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था पर असर पड़ता है. उनकी आस्था प्रभावित होती है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह प्रयागराज में संगम के चारों तरफ पांच किलोमीटर दायरे को धर्म स्थान परिसर घोषित करते हुए वहां मांस और मदिरा की बिक्री के साथ उसके सेवन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दे.


मथुरा में लगी है पाबंदी
लालमणि तिवारी की चिट्ठी में कहा गया है कि इससे पहले मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के आस-पास दस किलोमीटर के क्षेत्र को भी धर्म स्थान मानते हुए वहां मांस-मदिरा की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी लगी हुई है. मथुरा की तर्ज पर ही प्रयागराज में भी ऐसा ही होना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई है कि संत सीएम योगी आदित्यनाथ लाखों-करोड़ों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, इस बारे में जरूर कोई सकारात्मक फैसला लेंगे. लेकिन अगर सरकार जल्द ही दखल नहीं देती है तो इस मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा. ज्ञानवापी विवाद के बीच की यह मांग आने वाले दिनों में बड़े मुद्दे का सबब बन सकती है.