प्रतापगढ़ के चर्चित शराब कांड में हुआ सनसनीखेज खुलासा, पुलिस के संरक्षण में फल फूल रहा था गोरखधंधा
प्रतापगढ़ के चर्चित शराब कांड में हाई लेवल पर कराई गई गोपनीय जांच में माफियाओं और पुलिस अधिकारियों के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ है. गोपनीय जांच में खुलासा हुआ है कि कुंडा और हथिगवां थाने के पुलिस वालों की सीधे तौर शराब माफियाओं से मिलीभगत थी.
प्रयागराज: प्रतापगढ़ के चर्चित शराब कांड में सनसनीखेज खुलासा है. मामले में माफियाओं और पुलिस अधिकारियों के बीच गठजोड़ का बड़ा खुलासा है. पुलिस के संरक्षण में अवैध शराब बनाने का गोरखधंधा फल फूल रहा था. 2 थानों के पुलिस वालों के साथ ही कई बड़े अधिकारी भी इस पूरे मामले में शामिल थे. कई मौजूदा पुलिस अफसरों के साथ ही कुछ रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी शराब माफियाओं का खुलकर साथ देते थे.
गोपनीय जांच में हुआ खुलासा हाई लेवल पर कराई गई गोपनीय जांच में माफियाओं और पुलिस अधिकारियों के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ है. गोपनीय जांच में खुलासा हुआ है कि कुंडा और हथिगवां थाने के पुलिस वालों की सीधे तौर शराब माफियाओं से मिलीभगत थी. इसके अलावा इंस्पेक्टर- सीओ और एडिशनल एसपी रैंक तक के पुलिस अधिकारी भी इन माफियाओं को संरक्षण देते थे.
हर महीने मिलता था हिस्सा संरक्षण देने के बदले में इन पुलिसवालों को हर महीने हिस्सा मिलता था. पैसों के साथ ही गाड़ी और अन्य सुविधाओं का भी उपयोग करते थे. सरकार से तनख्वाह लेने के बावजूद माफियाओं के लिए काम करने का आरोप है. जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन से तमाम पुलिस वालों को हटाए जाने और सस्पेंड कर इनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की गई है.
कार्रवाई की सिफारिश एडिशनल एसपी दिनेश त्रिवेदी को हटाए जाने की सिफारिश के साथ-साथ सीओ कुंडा जितेंद्र सिंह परिहार को भी सस्पेंड किए जाने और कार्रवाई की सिफारिश की गई है. कुंडा थाने के इंचार्ज डीपी सिंह और हथिवांव थाने के प्रभारी रहे उदय त्रिपाठी के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है. इतना ही नहीं मामले में कई सिपाहियों और दारोगा के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. पुलिस के कुछ रिटायर्ड अफसरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है. लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में रहने वाले एक रिटायर्ड डिप्टी एसपी के भी गोरखधंधे में शामिल होने का खुलासा हुआ है. इसी रिटायर्ड अफसर पर शराब माफियाओं को छिपाने का शक है.
पुलिस की पकड़ से दूर हैं शराब माफिया शराब माफिया के तौर पर बदनाम दोनों मुख्य आरोपी संजय सिंह उर्फ गुड्डू और सुधाकर सिंह अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. पुलिस वालों पर ही इन्हें बचाने और छिपाने का आरोप लगा है. प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश और रेंज के आईजी केपी सिंह ने 3 दिन पहले गोपनीय सूचना के आधार पर छापेमारी कर की थी दोनों माफियाओं के ठिकानों पर कार्रवाई. ये कार्रवाई प्रतापगढ़ के कुंडा और हथिगवां इलाके में की गई थी.
10 करोड़ की अवैध शराब बरामद माफिया संजय सिंह उर्फ गुड्डू और सुधाकर सिंह के फार्म हाउस, घर और ट्यूबवेल समेत कई ठिकानों से 10 करोड़ की अवैध शराब बरामद हुई थी. कुंडा और हथिगवां थाना क्षेत्र में अलग-अलग इलाकों से भी शराब की बरामदगी हुई थी. अफसरों की छानबीन में ये सामने आया है कि माफियाओं और पुलिस वालों के गठजोड़ से तैयार शराब की खेप यूपी के कई हिस्सों में भेजी जा चुकी है. पंचायत चुनाव के मद्देनजर करोड़ों की शराब की अलग-अलग खेप कई जिलों में भेजी गई है.
बड़े अफसरों पर गिर सकती है गाज जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा कर पूरी शराब बरामद नहीं की गई तो बड़ी तबाही मच सकती है. अगले दो दिनों में प्रतापगढ़ पुलिस में बड़े फेरबदल किए जाने की उम्मीद भी जताई जा रही है. पुलिस के कई बड़े अफसरों पर भी गाज गिर सकती है. जांच में दागी पाए गए अफसर लंबे समय से इस इलाके में है जमे हुए है. एडिशनल एसपी वेस्ट दिनेश त्रिवेदी लगभग डेढ़ साल से तैनात हैं. सीओ कुंडा जितेंद्र सिंह परिहार करीब 2 सालों से तैनात हैं. इंस्पेक्टर कुंडा डीपी सिंह एक साल से ज्यादा वक्त से तानात हैं.
अफसर हैं नाराज हथिगवां थाने के एसएचओ रहे उदय त्रिपाठी भी यहां लंबे वक्त तक रहे हैं. अभी तक सिर्फ एक दारोगा और बीट कांस्टेबल को ही सस्पेंड किया गया है. पुलिस वालों के माफियाओं से मिले होने और उन्हें संरक्षण देने की जानकारी सामने आने से पुलिस महकमे के बड़े अफसर नाराज हैं. एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने भी दागी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है.
रसूखदार पूर्व मंत्री के परिवार वालों के भी शामिल होने का शक पुलिस कार्रवाई के बाद से दोनों शराब माफिया और उनके गुर्गे फरार चल रहे हैं. जांच में सामने आया है कि दोनों माफियाओं ने लखनऊ सोनभद्र और प्रतापगढ़ में करोड़ों के कई आलीशान ठिकाने बना रखे हैं. लंबे अरसे से दोनों अवैध शराब बनाने का काला कारोबार संचालित करते रहे हैं. अवैध शराब फैक्ट्री थाने से महज सवा किलोमीटर की दूरी पर बनाई गई थी. इतनाही नहीं मामले में प्रतापगढ़ जिले से ताल्लुक रखने वाले एक रसूखदार पूर्व मंत्री के परिवार वालों के भी शामिल होने का है शक है. गहराई से जांच हुई तो इस एंगल पर भी बड़ा खुलासा हो सकता है. जिन दुकानों पर अवैध शराब बेची जा रही थी उसका किराया पूर्व मंत्री के परिवार वालों के पास जाता है.
डिप्टी एसपी मर्डर केस में आरोपी था गुड्डू सिंह शराब कांड में हाई लेवल इंक्वायरी होने पर बहुत बड़े नेटवर्क का चौंकाने और सनसनीखेज खुलासा हो सकता है. पूर्व मंत्री के परिवार वालों को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी के एक एमएलसी ने आज प्रयागराज में कुछ बड़े अफसरों से मुलाकात की है. मुख्य आरोपी गुड्डू सिंह उर्फ संजय सिंह उसी बलीपुर गांव का रहने वाला है जहां साल 2013 में डिप्टी एसपी जियाउल हक समेत 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी. डिप्टी एसपी मर्डर केस में भी माफिया गुड्डू सिंह आरोपी था.
ये भी पढ़ें: