Prayagraj News: यूपी (UP) की योगी सरकार ने मदरसों के बाद अब वक़्फ संपत्तियों (Waqf Property) का सर्वे कराने का जो फैसला किया है, उस पर सियासी कोहराम भले ही मचा हो, लेकिन इसकी मांग पिछले कई सालों से पुरजोर तरीके से की जा रही थी. मांग करने वाले लोग कोई और नहीं, बल्कि खुद मुस्लिम समुदाय के ऐसे लोग थे, जो वक़्फ़ प्रॉपर्टीज की लूट- खसोट के खिलाफ थे. वहीं वक्फ वक्त संपत्तियों में गड़बड़ झाले और मनमाने तरीके से इसके दुरुपयोग के सबसे ज्यादा मामले संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में थे. यहां के सोशल एक्टिविस्ट शौकत भारती (Shaukat Bharti) वक्फ संपत्तियों को बचाने की लड़ाई पिछले पिछले आठ सालों से जोर शोर से लड़ रहे थे.


शौकत भारती ने की थी शिकायत


इन मामलों में शौकत भारती ने योगी सरकार से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक वक़्फ़ संपत्तियों को मनमाने तरीके से बेचे जाने, उसे चहेतों के बीच रेवड़ी की तरह बांटे जाने, माफियाओं और बिल्डरों से सांठगांठ कर इसकी लूट - खसोट किए जाने और संगठित गिरोह बनाकर करोड़ों -अरबों रुपए की काली कमाई किए जाने का काला चिट्ठा खोलते हुए गोरखधंधे की शिकायत की थी.


शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पर हुई थी FIR दर्ज


शौकत भारती की शिकायत पर ही पीएमओ ने इस मामले में दखल देते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय के जरिए सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल से जांच कराई थी. जांच में शौकत भारती के सभी आरोप सही पाए गए थे और कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई थी. हालांकि काउंसिल की चौंकाने वाली रिपोर्ट और कार्रवाई की सिफारिश के बावजूद जिम्मेदार लोगों पर कोई एक्शन नहीं हुआ और मामला पिछले कई सालों से ठंडे बस्ते में पड़ा है. शौकत भारती ने ही शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ ना सिर्फ एफआईआर कराई, बल्कि गंभीर धाराओं में मुकदमा चलाने के लिए शासन से मंजूरी भी दिलाई. बता दें कि शौकत भारती ने कुछ दिनों पहले ही प्रयागराज समेत यूपी के तकरीबन एक दर्जन जिलों में वक़्फ़ प्रॉपर्टीज की लूट- खसोट के बारे में सूबे के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से मुलाकात कर उन्हें फाइल सौंपी थी. बृजेश पाठक ने उन्हें बहुत जल्द सख्त कदम उठाए जाने का भरोसा भी दिलाया था.


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शौकत भारती ने किया फैसले का स्वागत


योगी सरकार ने वक़्फ़ प्रॉपर्टीज के सर्वे का जो फैसला लिया है, उसमें प्रयागराज के सोशल एक्टिविस्ट शौकत भारती के संघर्षों का बड़ा योगदान है. यही वजह है कि शौकत भारती वक़्फ़ प्रॉपर्टीज का सर्वे कराए जाने के फैसले का दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं. योगी सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं, लेकिन साथ ही ये आगाह भी कर रहे हैं कि ये काम सिर्फ सरकारी फाइलों तक ही सीमित ना रहे, बल्कि हकीकत का पता लगाकर वक्फ संपत्तियों को गलत लोगों के चंगुल से छुड़ाया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाए.


इन मामलो में भी उठाई थी आवाज


बता दें कि शौकत भारती ने सबसे पहले प्रयागराज के बहादुरगंज इलाके की बताशा मंडी में स्थित करीब दो सौ साल पुराने इमामबाड़ा गुलाम हैदर के मामले को उठाया था. फिर प्रयागराज के चकिया इलाके में बाहुबली अतीक अहमद के बगल स्थित छोटी कर्बला की वक़्फ़ प्रॉपर्टी का मामला उठाया. जब ये मामले उजागर हुए तो उस वक्त यूपी शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी थे, जबकि वक़्फ़ विभाग के मंत्री आज़म खान थे. इन दोनों ने शौकत भारती की शिकायतों पर कभी गौर नहीं किया. शौकत भारती व उनके साथ के लोगों ने जब प्रशासन पर दबाव बनाया तो उसने कोतवाली में वसीम रिज़वी समेत कई लोगों के खिलाफ मामूली धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली थी.


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