प्रयागराज: योगी राज में यूपी आने से घबरा रहे पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद को प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने यूपी आने के बजाय वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई किये जाने की अतीक अहमद की अर्जी को खारिज कर दिया है. इतना ही नहीं स्पेशल कोर्ट ने यूपी के गृह सचिव को अतीक को 13 नवम्बर को प्रयागराज की कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ पेश करने का निर्देश भी दिया है. अतीक अगर इस फैसले को ऊपर की किसी अदालत में चुनौती देकर वहां से कोई राहत नहीं पाता तो उसे न चाहते हुए भी 13 नवम्बर को कोर्ट में हाज़िर होना पड़ेगा.


अतीक ने यूपी पुलिस और अपने दुश्मनों से जान के खतरे का अंदेशा जताते हुए पेशी पर आने से छूट की मांग करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये सुनवाई किये जाने की अर्जी दाखिल की थी. यूपी सरकार के वकीलों ने इसका पुरज़ोर विरोध किया था और कहा था कि आरोप तय होते वक्त मुल्ज़िम का कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होना ज़रूरी होता है और ऐसे मामलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी नहीं हो सकती. कोर्ट ने सरकारी वकीलों की इस दलील को मंज़ूर करते हुए अतीक की अर्जी खारिज कर दी है. सवाल यह है कि अतीक और मुख़्तार जैसे माफिया योगी राज में सचमुच यूपी आने से डर रहे हैं या फिर वह किसी और वजह से बहानेबाजी कर रहे हैं.


दरअसल, माफिया घोषित किये गए पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के खिलाफ साल 2016 में प्रयागराज के करेली थाने में बलवा करने- जानलेवा हमला कराने और धमकी देने के मामले में केस दर्ज हुआ था. यह मामला प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में पेंडिंग हैं. अभी इस मामले में कोर्ट से आरोप तय नहीं हुए हैं. आरोप तय होते वक्त सभी आरोपियों की कोर्ट में हाजिरी ज़रूरी होती है. अतीक अहमद ने व्यक्तिगत पेशी से बचने और वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये पेशी कराने के लिए पिछले दिनों कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.


पुलिस और अपने दुश्मनों से जान का खतरा- अतीक


अतीक की तरफ से दलील दी गई कि उसे यूपी में पुलिस और अपने दुश्मनों से जान का खतरा है. पुलिस उसके दुश्मनों से मिलकर रास्ते में कहीं उसकी हत्या करा सकती है. उसके खिलाफ मुन्ना बजरंगी की तरह कस्टडी में हत्या की साजिश रची जा सकती है. उसे अपने दुश्मनों के साथ ही पुलिस से भी खतरा है. पुलिस एनकाउंटर भी कर सकती है. अतीक ने खुद को कई बीमारियों से पीड़ित बताते हुए भी साढ़े चौदह सौ किलोमीटर का लम्बा सफर करने में भी असमर्थता जताई थी. अतीक को पिछले दिनों इसी तरह के एक मामले में इसी स्पेशल कोर्ट से राहत मिली थी और कोर्ट ने व्यक्तिगत पेशी से छूट देते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई की मांग मंज़ूर कर ली थी. एडवोकेट सैयद अहमद नसीम के मुताबिक़ हालांकि वह मामला गवाही का था और यह आरोप तय करने का है.


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