प्रयागराज में पुलिस की लॉज में घुसकर छात्रों को पीटने की तस्वीरें आने के बाद छह आरोपी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इसमें एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और तीन कॉन्स्टेबल शामिल हैं. इन सब पर ग़ैर ज़रूरी ताक़त का इस्तेमाल करने का आरोप है. वहीं प्रयागराज के एसएसपी ने इस पूरे मामले के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका जताई है. पुलिस का कहना है कि यह एक राजनीतिक साजिश लग रही है. इसके लिए फंडिंग भी हुई. इसके लिए 11 सदस्य समिति बना दी गई है और जांच आने के बाद निर्वाचन आयोग को भी इस बारे में लिखा जाएगा.
क्या था मामला -
दरअसल 24 जनवरी को रेलवे की एनटीपीसी परीक्षा के नतीजों को लेकर पटना में छात्रों पर जो लाठीचार्ज हुआ था उसी के विरोध में प्रयागराज के छात्र भी सड़कों पर उतरे थे लेकिन पुलिस को अब इसमें बड़ी साजिश नजर आ रही है. छात्रों के प्रदर्शन को लेकर कर्नलगंज थाने में एक एफआईआर भी दर्ज हुई है जिसमें तीन लोग मुख्य आरोपी बनाए गए है. इनमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है जबकि एक फरार है.
रेल मंत्री आए सामने -
इस बीच लगातार तीसरे दिन बिहार में छात्रों के उग्र प्रदर्शन के बाद रेल मंत्री ने खुद सामने आकर छात्रों से शांति की अपील की है, यही नहीं, रेलवे ने आरआरबी एनटीपीसी के प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की समीक्षा करने और मेंस एग्जाम के स्थगित करने का भी एलान किया है. रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘‘मैं उम्मीदवारों से कहना चाहूंगा कि यह उनकी अपनी संपत्ति है. वे अपनी ही संपत्ति को क्यों नष्ट कर रहे हैं? हालांकि, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने पर अधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे.’’
समाधान खोजने की जरूरत -
रेल मंत्री ने ये भी कहा, ‘‘शिकायत करने वालों के लिए, हमें समाधान खोजना होगा और संवेदनशीलता से निपटना होगा. हम कानूनी रूप से स्नातकों को ‘टेन प्लस टू’ योग्यता वाले पदों पर आवेदन करने से नहीं रोक सकते.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘शिकायत करने वालों के लिए, हमें समाधान खोजना होगा और संवेदनशीलता से निपटना होगा. हम कानूनी रूप से स्नातकों को ‘टेन प्लस टू’ योग्यता वाले पदों पर आवेदन करने से नहीं रोक सकते.’’
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