Students Protest: प्रयागराज में दो दिनों से अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने सोमवार को प्रदर्शन शुरू किया और फिर पूरी रात खुले आसमान में प्रदर्शन किया. इसके बाद उनका प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा. लेकिन अब छात्रों के तेज होते आंदोलन के बाद आयोग ने एक चिट्ठी जारी की, जिसमें तमाम मुद्दों पर जवाब दिया है. 


आयोग की चिट्ठी में लिखा गया है कि राज्य के अलग-अलग जनपदों में शासनादेश 19-6-2024 में निर्धारित मानकों के अनुसार परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं होने की वजह से यह निर्णय लिया गया है. इस फैसले को लेने के लिए आयोग के ओर से एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन की गई है. 


आयोग की चिट्ठी में लिखा है, 'किसी एक विज्ञापन के सापेक्ष एकाधिक दिवसों/पालियों में आयोजित कराए जाने वाले परीक्षाओं के मूल्यांकन हेतु पूर्व से प्रचलित व्यवस्था एंव सिविल अपील संख्या- 228 ऑफ 2022 यूपी राज्य व अन्य बनाम अतुल कुमार द्विवेदी व अन्य में पारित सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 7 जनवरी 2022, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ द्वारा CWP- 25505- 2021, राकेश सिहाग बनाम हरियाणा राज्य व अन्य में पारित निर्णय, सेतु विनीत गोयनका बनाम राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी व अन्य में हाईकोर्ट नई दिल्ली द्वारा पारित आदेशों का अध्ययन और विषय का गहन अनुशीलन एवं समीक्षा करते हुए हाई लेवल कमेटी द्वारा अनुशंसा उपलब्ध करायी गई.'


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क्यों अपनाई जा रही है ये प्रक्रिया
आयोग द्वारा गठित उपलब्ध प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय कमेटी की अनुशंसानुसार शुचिता, गुणधर्मिता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु दो या दो से अधिक दिवसों/पालियों में होने वाली वस्तुनिष्ठ प्रकारक परीक्षाओं में मूल्यांकन हेतु उक्त प्रक्रिया अपनायी जायेगी.


अपनी चिट्ठी में आयोग ने बताया है कि मूल्यांकन हेतु अपनाई जाने वाली उक्त प्रक्रिया कंप्यूटर सिस्टम आधारित होगी और तद्नुसार ही उक्त तरह की परीक्षाओं की प्रक्रिया शुचितापूर्वक पूर्ण की जाएगी. बता दें कि तमाम दलों ने छात्रों के आंदोलन का समर्थन किया था.