Prayagraj News: बापू की पुण्यतिथि के दिन भी बापू पर विवादित टिप्पणी सामने आई है. छत्तीसगढ़ के बाद अब यूपी के प्रयागराज के धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया गया है. वाराणसी की काशी सुमेरु पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बापू को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले तमाम लोग शहीद हो गए तो आखिर महात्मा गांधी को कभी कोई चोट क्यों नहीं आई. उनकी एक उंगली तक क्यों नहीं कटी. एबीपी न्यूज़ ने उनसे बातचीत की, लेकिन वो बयान पर कायम हैं.


महात्मा गांधी करते थे अंग्रेजों की मदद- स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती


स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले तमाम लोग शहीद हो गए तो आखिर महात्मा गांधी को कभी कोई चोट क्यों नहीं आई. उनकी एक उंगली तक क्यों नहीं कटी. उनके मुताबिक महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए कभी कोई काम नहीं किया, बल्कि वह तो अंग्रेजों की मदद का काम करते थे. उनके मुताबिक देश को आजादी महात्मा गांधी की वजह से नहीं बल्कि क्रांतिकारियों की वजह से मिली थी. सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों की वजह से ही अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा था.''


उन्होंने कहा कि देश की आजादी में अगर किसी का सबसे बड़ा योगदान था, तो वह था सुभाष चंद्र बोस का. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रपुत्र तो हो सकते हैं लेकिन राष्ट्रपिता कतई नहीं हो सकते. अगर वह राष्ट्रपिता हैं तो यह बताया जाए कि राष्ट्रमाता कौन है. इतिहास में भी उन्हें गलत तरीके से पेश किया जाता है. उनके इस महिमामंडन से तमाम क्रांतिकारियों की कुर्बानियां महत्वहीन साबित होती हैं. नरेंद्रानंद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर यह अमर्यादित टिप्पणी व बयान बाजी ना सिर्फ धर्म संसद में की, बल्कि इसके बाद भी वह अपनी बात पर अडिग हैं.''


स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के बयान से खड़ा हुआ विवाद


धर्म संसद के बाद एबीपी गंगा से की गई एक्सक्लूसिव बातचीत में भी स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता मानने से साफ इनकार करते रहे. उनका साफ तौर पर कहना था कि वह यह बात कहने से कतई पीछे नहीं हटने वाले और ना ही वह किसी से डरते हैं. महात्मा गांधी को लेकर यही कड़वा सच है और यह सच वह कहते रहेंगे. स्वामी नरेंद्रानंद ने हरिद्वार में भड़काऊ भाषण के आरोपी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी को जल्द ही जेल से रिहा नहीं किए जाने पर उग्र आंदोलन की धमकी भी दी और उत्तराखंड सरकार को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी. स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में की गई यह बयानबाजी आने वाले दिनों में विवाद खड़ा कर सकती है.


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