प्रयागराज: विश्व हिंदू परिषद के काशी प्रांत कार्यालय केसर भव में शनिवार को संत सम्मेलन हुआ. इस सम्मेलन की अध्यक्षता श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की. संत सम्मेलन में ये तय किया गया कि सिर्फ धन संग्रह के लिए ही नहीं बल्कि मंदिर निर्माण में कम से कम आधी आबादी की सीधी भागीदारी के लिए भी मकर संक्रांति से अभियान चलाया जाएगा.


काशी और मथुरा की बारी
संत सम्मेलन में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राम मंदिर निर्माण के बाद काशी और मथुरा को मुक्त कराने की बड़ी जिम्मेदारी संत समाज पर है. पहले हम राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण करेंगे. राम मंदिर बनने के बाद काशी और मथुरा के मंदिर को कोई रोक नहीं सकता, वो तो बनेगा ही बनेगा.





श्रद्धालुओं के लिए की जा रही है खास व्यवस्था
प्रयागराज में हुए संत सम्मेलन में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि रामलला के मंदिर के गर्भगृह में एक बार में सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जा सकता है. ऐसे में लोगों को गर्भगृह में कम समय ही मिलेगा. श्रद्धालुओं के लिए थ्री डी तकनीक से इस तरह की व्यवस्था की जाएगी कि कैम्पस में कुछ खास जगहों पर वर्चुअल तरीके से माथा टेकने पर श्रद्धालुओं को सीधे गर्भगृह में मौजूद होने का एहसास होगा. उनके मुताबिक मकर संक्रांति से शुरू हो रहे धन संग्रह अभियान की शुरुआत दिल्ली में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से संपर्क कर उनसे आर्थिक सहयोग लेने के साथ की जाएगी.

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