प्रयागराज: शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में रसूखदार नेताओं का खेल, इस नेता की तलाश में जारी है एसटीएफ की छापेमारी
चन्द्रमा यादव टीईटी परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में एसटीएफ द्वारा पहले गिरफ्तार किया जा चुका है. चन्द्रमा अपने कॉलेज के सेंटर से पेपर लीक कराकर उसे केएल पटेल के गिरोह को देता था. चन्द्रमा के परिवार ने सियासी साजिश की आशंका जताई है.
प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के फर्जीवाड़े मामले में जांच एजेंसी एसटीएफ का पूरा फोकस अब प्रयागराज के बीजेपी नेता चन्द्रमा यादव पर है. चन्द्रमा यादव यूपी के एक मौजूदा कैबिनेट मंत्री का पूर्व प्रतिनिधि है. एसटीएफ ने फर्जीवाड़े के मामले में चन्द्रमा को नामजद करते हुए उसे वांटेड घोषित किया है. एसटीएफ उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है. जांच एजेंसी ने उसके घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर भी जब्त कर लिया है. इसके साथ ही उसके कॉलेज में ताला भी जड़ दिया गया है.
एसटीएफ को जानकारी मिली है कि चन्द्रमा यादव ने ही गिरोह के सरगना डा केएल पटेल के साथ मिलकर शिक्षक भर्ती का पेपर अपने कॉलेज से लीक कराया था. बाद में इसी पेपर की आंसर शीट तैयार कर उसे ब्लूटूथ डिवाइस और चेकदार रूमालों के जरिये अभ्यर्थियों तक पहुंचाया गया था. 7 जनवरी को टीईटी पेपर लीक मामले में जेल भेजा गया चन्द्रमा यादव 10 दिन पहले ही जमानत पर जेल से छूटा है. गिरोह के सरगना डा केएल पटेल और चन्द्रमा यादव साथ मिलकर फर्जीवाड़े के खेल को अंजाम देते थे. दोनों रसूखदार थे, इसलिए पुलिस उन पर आसानी से हाथ नहीं डाल पाती थी.
एसटीएफ द्वारा चन्द्रमा यादव को नामजद करते हुए उसे वांटेड घोषित किये जाने के बाद एबीपी चैनल की टीम उसके कॉलेज पहुंची तो वहां उसका परिवार भी आ धमका. कॉलेज की तस्वीरें लेने पर परिवार के लोग झगड़ा करने लगे. कॉलेज में ज़्यादातर कमरों में पक्की छत भी नहीं है. किसी भी कमरे में प्लास्टर तक नहीं है. पंचम लाल आश्रम इंटर कॉलेज नाम से चलने वाला यह कॉलेज मेन रोड से तकरीबन साढ़े तीन किलोमीटर अंदर बेहद संकरे रास्ते पर है. गंगा के कछार पर निकलने वाले इस रास्ते पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट छोड़ दीजिये, रिक्शे तक नहीं चलते हैं. ऐसे में बड़ी भर्तियों के सेंटर बनाए जाने का फैसला ही सवालों के घेरे में है.
चन्द्रमा यादव को प्रयागराज में बीजेपी के रसूखदार नेताओं में जाना जाता है. वह लम्बे अरसे तक कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का प्रतिनिधि रहा है. वह बीजेपी के किसान मोर्चे की प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य रहा है तो साथ ही पार्टी की महानगर इकाई में उपाध्यक्ष रह चुका है. पहली से बारहवीं क्लास तक चलने वाले कॉलेज में सिर्फ 200 बच्चे ही पढ़ते हैं. पूरे कॉलेज में सिर्फ 12 कमरे हैं. चन्द्रमा इससे पहले जनवरी महीने में टीईटी परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. वह अपने कॉलेज के सेंटर से पेपर लीक कराकर उसे केएल पटेल के गिरोह को देता था. हालांकि, चन्द्रमा का परिवार उसे निर्दोष बताते हुए इसके पीछे किसी बड़ी सियासी साजिश की आशंका जता रहा है.