प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। उत्तर प्रदेश में में पैसे लेकर शिक्षक भर्ती कराने का दावा करने वाले गिरोह पर पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. इस मामले में पुलिस को अब तक जो जानकारी मिली है, वह न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा की पारदर्शिता पर बड़ा सवालिया निशान भी है.
पुलिस को जानकारी मिली है कि गिरोह के सदस्यों ने पिछले साल जनवरी महीने में हुए 69 हजार शिक्षक भर्ती इम्तहान का पेपर भी लीक करा लिया था. यह पेपर गिरोह के सरगना और झांसी के मेडिकल आफिसर डा केएल पटेल के प्रयागराज स्थित कॉलेज से तकरीबन 45 मिनट पहले लीक कराया गया था. इसकी आंसर शीट ब्लू टूथ और चेकदार रुमाल के जरिये अभ्यर्थियों तक पहुंचाई गई थी. इतना ही नहीं पुलिस को इस बात की भी पुख्ता जानकारी मिली है कि गिरोह के लोगों ने जिन अभ्यर्थियों से पैसे लिए थे, उनमें से कई का सेलेक्शन भी हुआ है. पुलिस अब इन अभ्यर्थियों से पूछताछ करने की तैयारी में हैं. कई अभ्यर्थियों ने तो आंसर शीट पूरी तरह खाली भी छोड़ी थी.
पूरे मामले पर प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का कहना है कि पेपर लीक और पैसे लेकर भर्तियां कराने के मामले में पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं. सबूत मिलने के बाद शिक्षा विभाग से भी उचित कदम उठाए जाने की सिफारिश की जाएगी. गिरोह के लोग पहले भी कई दूसरी भर्तियों में शामिल रहे हैं.
गौरतलब है कि, पुलिस ने इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक 69 हजार शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और गड़बड़ी करने वाले इस गिरोह की वजह से पूरी भर्ती प्रक्रिया सवालों के घेरे में है. भर्ती परीक्षा पर रद होने का खतरा भी मंडराता नजर आ रहा है. गिरोह के लोगों के पास से अब तक 25 लाख रूपयों से ज्यादा की बरामदगी हो चुकी है. इस मामले की जांच यूपी पुलिस अब एसटीएफ की भी मदद ले रही है.