Prayagraj News: पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पंजाब को छोड़कर बाकी जगहों पर विपक्ष को भले ही करारी हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इसके बावजूद विपक्षी पार्टियां बीजेपी के सामने घुटने टेकने को कतई तैयार नहीं है.
पांच राज्यों के नतीजों से बेफिक्र विपक्षी पार्टियों ने अब राष्ट्रपति और लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. विपक्षी खेमे ने अपनी एकजुटता दिखाने की भी कवायद शुरु कर दी है. हालांकि विपक्षी खेमे में अब भी खुद को सबसे बड़ा और बेहतर साबित करने की होड़ मची हुई है.
चर्चा का कारण बनी लगाई गई होर्डिंग्स
इसी कड़ी में संगम नगरी प्रयागराज में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की पार्टी की तरफ से जगह-जगह लगाई गई होर्डिंग्स चर्चा का सबब बनी हुई है. इन होर्डिंग्स में चंद्रशेखर राव को ''देश का नेता'' बताया गया है. होर्डिंग्स में सबसे बड़ी तस्वीर चंद्रशेखर राव की ही लगाई गई है और उसके साथ लिखा गया है 'देश का नेता'. होर्डिंग्स में चंद्रशेखर राव के राजनीतिक सलाहकार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भी बड़ी सी तस्वीर लगाई गई है.
20 मार्च को प्रशांत किशोर का जन्मदिन है. होर्डिंग में प्रशांत किशोर के जन्मदिन के बारे में भी लिखा हुआ है. होर्डिंग्स में चंद्रशेखर राव के साथ ही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ ही यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की भी तस्वीरें लगाई गई हैं.
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कांग्रेस के किसी भी नेता को नहीं मिली जगह
खास बात यह है कि इन होर्डिंग्स में कांग्रेस पार्टी के किसी भी नेता को जगह नहीं दी गई है. होर्डिंग्स में ना तो सोनिया गांधी नजर आ रहीं हैं, ना ही राहुल-प्रियंका दिख रहे हैं और ना कोई दूसरा नेता दिखाई दिखाई दे रहा है. बिहार के सीएम और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की तस्वीर इन होर्डिंग्स में जरूर लगाई गई है.
होर्डिंग लगाने वाले के चंद्रशेखर राव की पार्टी के नेता और उनके बेहद करीबी कहे जाने वाले तेलंगाना साईं ने एबीपी चैनल से फोन पर की गई बातचीत में दावा किया कि यह कवायद पांच राज्यों के चुनाव नतीजों को भूल कर राष्ट्रपति चुनाव और लोकसभा चुनाव की मुहिम में विपक्ष को एकजुट करने की है. उनके मुताबिक इन सभी नेताओं में एकजुटता की सहमति बन गई है. यह सभी नेता आपस में मिलकर राष्ट्रपति और लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.
उत्तर भारत के नेताओं को हो सकता है एतराज
हालांकि चंद्रशेखर राव को 'देश का नेता' बताए जाने पर उत्तर भारत के नेताओं को जरूर एतराज हो सकता है. खास बात यह है कि होर्डिंग में कांग्रेसी नेताओं को जगह नहीं मिलने पर अब यह बात साफ हो गई है कि देश में एक बार फिर से गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी पार्टियों का थर्ड फ्रंट यानी तीसरा मोर्चा बनाए जाने की कोशिश शुरु की गई है. हालांकि यह कोशिश कितनी सार्थक साबित होगी इसका फैसला तो वक्त ही करेगा. लेकिन यह जरुर कहा जा सकता है कि चंद्रशेखर राव ने प्रशांत किशोर के सहारे अब देश की राजनीति में कदम रखने का मन बनाया है.
मायावती को भी नहीं मिली जगह
प्रयागराज में जगह-जगह लगी यह होर्डिंग्स चर्चा का सबब बनी हुई है. होर्डिंग्स को देखने के बाद विपक्षी एकजुटता से ज्यादा चर्चा इसमें कांग्रेस पार्टी को नजरअंदाज किए जाने की है. देश में राजनीति का बड़ा केंद्र कहे जाने वाले प्रयागराज में अभी इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि देश में एक बार फिर से तीसरा मोर्चा यानी थर्ड फ्रंट गठित हो सकता है.
हालांकि इसका अगुआकार बनने को लेकर नेताओं में जिस तरह से होड़ मची हुई है और चंद्रशेखर राव ने खुद को 'देश का नेता' बताने की जो पहल की है उसमें यह तीसरा मोर्चा कितने दिनों तक कारगर साबित होगा इस बारे में फिलहाल कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा. होर्डिंग्स में यूपी विधानसभा चुनाव में एक सीट पर ही सिमटने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को भी जगह ना मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है.
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