उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) के थरवई इलाके में एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या के एक हफ्ते बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ पूरी तरह खाली हैं. पुलिस इस मामले में अभी तक न तो किसी की गिरफ्तारी कर सकी है और न ही यह पता लगा सकी है कि पूरे परिवार का कत्ल आखिरकार किसने और क्यों किया था. प्रयागराज पुलिस ने कातिलों के बारे में सुराग देने वालों को पचास हजार रूपये का ईनाम देने का भी एलान किया था, लेकिन यह फार्मूला भी काम नहीं आ सका है. पुलिस अब तक शक के आधार पर पचास लोगों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है.


सीबीआई जांच की मांग
सात दिन बाद भी हाथ खाली रहने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. सवाल यह उठ रहा है कि खुद को हाईटेक बताने वाले तेज तर्रार अफसरों की टीम आखिरकार कर क्या रही है. परिवार वालों ने भी अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है. उनका कहना है कि सीबीआई जांच से ही उन्हें इंसाफ मिल सकेगा. दूसरी तरफ अफसरों का दावा है कि मामले के खुलासे के लिए सात टीमें गठित की गईं हैं. सभी टीमों में तेज तर्रार पुलिसकर्मी लगाए गए हैं. ये टीमें लगातार काम कर रही हैं और जल्द ही पूरे मामले का वर्कआउट कर दिया जाएगा.  


क्या थी घटना
गौरतलब है कि प्रयागराज के थरवई इलाके के खेवराजपुर गांव में बीते शुक्रवार की रात को एक ही परिवार के पांच लोगों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था. सनसनीखेज वारदात के बाद घर में आग भी लगा दी गई थी. इस सनसनीखेज सामूहिक हत्याकांड से पूरे जिले में सनसनी फैल गई थी. पूरे मामले में जमकर राजनीतिक रोटियां भी सेंकी गईं. मामले की जांच पुलिस के साथ ही यूपी एसटीएफ भी कर रही है. एसटीएफ की भी दस सदस्यीय टीम जांच में लगाई गई है. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी प्रयागराज के एसएसपी को नोटिस जारी कर उनसे पूरे मामले की रिपोर्ट तलब किया है.


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