Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में चोरी की वारदात का अनूठा और चौंकाने मामला सामने आया है. यहां चोरी की वारदात के आठ दिन बाद चोर को अपनी गलती का एहसास हुआ. पश्चाताप होने पर चोर ने एक माफीनामा लिखा और चोरी किए गए सामान के साथ उसे हाइवे के नजदीक रख दिया. चोरी किया गया सामान अब अपनी जगह वापस पहुंच गया है. चोर ने अपने माफीनामे में गलती मानी है और लिखा है कि चोरी के बाद उसे बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं और उसके बेटे की तबीयत भी खराब हो गई है. वह अपने किए पर शर्मिंदा है और सबसे माफी मांगकर अपनी गलती का पश्चाताप करना चाहता है.


चोरी की यह अनूठी और चौंकाने वाली वारदात प्रयागराज के गंगानगर जोन के नवाबगंज थाना क्षेत्र की है. यहां तीर्थ स्थल श्रृंगवेरपुर के गऊघाट पर गंगा किनारे स्थित राम जानकी मंदिर से 22 सितंबर की रात को राधा कृष्ण की अष्टधातु की मूर्ति किसी ने चोरी कर ली. मंदिर से चोरी की इस वारदात से सनसनी फैल गई. कुछ पता नहीं चला तो मंदिर के पुजारी महंत जयराम दास ने इसकी एफआईआर नवाबगंज थाने में कराई. पुलिस ने इसमें कड़ी मेहनत की, खूब हाथ पांव मारे लेकिन चोर और चोरी हुई मूर्तियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी.


एक चिट्ठी रखी हुई मिली
मंगलवार को मंदिर के पास से ही गुजरने वाले दिल्ली हावड़ा सिक्स लेन हाईवे के नजदीक झाड़ियों के पास चोरी हुई मूर्ति और एक चिट्ठी रखी हुई मिली. मंदिर के पुजारी महंत जयराम दास पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो वहां राधा कृष्ण की अष्टधातु की मूर्ति एक कपड़े में लिपटी हुई मिली. मूर्ति के साथ चिट्ठी की शक्ल में एक माफीनामा  भी रखा हुआ था. यह माफीनामा चर्चा का सबब बना हुआ है.


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इस माफीनामे में चोर ने लिखा था कि उससे बहुत बड़ी गलती हो गई है. उसने मंदिर से अज्ञानता वश मूर्ति चुराई. वारदात के बाद से उसे बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं. इसके अलावा उसके बेटे की तबीयत भी खराब हो गई है. उसने लिखा है कि थोड़े से पैसों की लालच में मैंने बहुत गंदा काम किया है. मूर्ति को बेचने की नीयत से मैंने इसके साथ छेड़छाड़ भी की है. मुझे अपनी गलती का एहसास हो रहा है और मैं इसके लिए माफी चाहता हूं. मुझे क्षमा कर दिया जाए. 


बहरहाल मूर्ति को वापस मंदिर में रख दिया गया है. मूर्ति वापस मिलने से मंदिर से जुड़े लोगों और पुलिस ने राहत की सांस ली है, लेकिन चोर का पश्चाताप और उसकी माफीनामा चर्चा का सबब बना हुआ है. इस बारे में पुलिस का कहना है कि मूर्ति भले ही वापस मिल गई हो, लेकिन चोर के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है. माफीनामे की हैंडराइटिंग के जरिए कर तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. इस मामले में नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.