Magh Mela 2022: संगम नगरी प्रयागराज में मकर संक्रांति के साथ ही माघ मेले की शुरुआत हो गई है. कोरोना के बढ़ते मामलों और कड़ाके की ठंड के बावजूद दोपहर एक बजे तक करीब तीन लाख लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई. प्रशासन के मुताबिक मेले में तड़के से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. इनमें बच्चे, बुजुर्ग भी शामिल थे. भीड़ को देखते हुए माना जा रहा है कि शाम पांच तक 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया है. 


कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराना बना चुनौती


माघ मेले में देश के कोने कोने से आने वाली भीड़ के बीच कोविड नियमों का पालन कराना मेला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. ड्यूटी में आए कई पुलिसकर्मी मेला शुरू होने से पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड के खतरे को देखते हुए प्रदेश वासियों से अपील की है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनो खुराक ले रखी है और पूर्ण स्वस्थ्य हैं, वे ही माघ मेला में स्नान करने आएं. इसके साथ ही प्रशासन से कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कराने का निर्देश दिया है. 


मकर संक्रांति का क्या है महत्व


माघ मेले में  हर साल शिविर लगाने वाले स्वामी अधोक्षजानंद ने मकर संक्रांति के महत्व के बारे बताते हुए कहा कि ज्योतिष की गणना में जो कालचक्र संचालित होता है, उसमें एक साल में सूर्य 12 राशियों में घूमता है और लगभग एक महीना प्रत्येक राशि में रहता है. इनमें मकर राशि का अत्यधिक महत्व है. जब सूर्य मकर राशि में आते हैं, वह विश्व का उत्तम समय होता है क्योंकि यह उत्तरायण काल कहलाता है. सूर्य छह माह दक्षिणायन रहते हैं और छह माह उत्तरायण रहते हैं. उत्तरायण का प्रारंभ मकर संक्रांति से होता है. और ये हर काम के लिए शुभ माना जाता है. 


कोविड गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश


माघ मेले में को सकुशल संपन्न कराने के लिए कोविड गाइडलाइंस जारी की गई हैं. मेला क्षेत्र में आने वाले के लिए 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट रखना अनिवार्य होगा. लोगों के लिए वैक्सीन की दोनो डोज का सर्टिफिकेट लेकर आने का नियम बनाया गया है और लोगों को मास्क लगाकर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है. 


माघ मेले में किए गए खास इंतजाम


मेला प्रशासन ने मेला क्षेत्र को पांच सेक्टरों में विभाजित किया है.  इन सभी सेक्टरों में 3200 से अधिक संस्थाओं और शिविरों में निवास करने वाले लोगों को 12 स्नान घाटों आसानी से पहुंचने के लिए पांच पंटून पुलों को तैयार किया गया है. यहां आने वाले कल्पवासियों, श्रद्धालुओं और साधु-संतो को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 50 बेड के दो अस्पताल और 10 उपचार केन्द्र तैयार किए गये हैं. 


ये भी पढ़ें :-


UP Election: एबीपी गंगा से बोले स्वतंत्र देव सिंह- सहयोगियों के साथ सीट शेयरिंग की बात फाइनल, एक-दो दिन में एलान


UP Election: फिरोजाबाद की चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी तय, जानें- पूरी डिटेल्स