प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज के पुलिस महकमे में ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल अब भी धड़ल्ले से जारी है. नये पुलिस कप्तान सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी की तबादला एक्सप्रेस भी पुराने ट्रैक पर तेजी से दौड़ रही है. तीन महीने के कार्यकाल में उन्होंने भी 50 से ज़्यादा इंस्पेक्टर्स और दरोगाओं का ट्रांसफर कर दिया है. सिपाहियों व दूसरे स्टाफ की लिस्ट तो और भी लम्बी है. तबादलों के साथ ही कइयों को सस्पेंड और लाइन हाजिर भी किया गया है.


यह तेज़ी तब भी नज़र आ रही है, जब महज़ 90 दिन पहले तत्कालीन एसएसपी और आईपीएस अफसर अभिषेक दीक्षित को इन्हीं तबादलों के फेर में सस्पेंड कर दिया गया था. यही वजह है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग की तेजी पर फिर से सवाल उठने शुरू हो गए हैं. विपक्ष इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार पर निशाना साध रहा है. आरोपों के घेरे में आए पुलिस कप्तान इसे क़ानून व्यवस्था के लिए ज़रूरी बताते हुए अपने बचाव में दलीलें पेश कर रहे हैं, लेकिन तबादला एक्सप्रेस के दौड़ने के बावजूद लगातार हो रही क्राइम की घटनाएं उनके दावों की कलई खोल रही हैं.


सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कई थानेदारों और दरोगाओं का तबादला कर दिया


प्रयागराज में एसएसपी रहे तमिलनाडु कैडर के आईपीएस अफसर अभिषेक दीक्षित को आठ सितम्बर को उस वक़्त भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया गया था, जब वह अपने मातहतों के भ्रष्टाचार पर मीडिया को ब्रीफ करते हुए उन्हें अपने द्वारा उठाए गए क़दमों की जानकारी दे रहे थे. अभिषेक दीक्षित पर सबसे बड़ा आरोप पुलिस कर्मियों के ट्रांसफर व पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और वसूली का लगा था. लखनऊ में डीसीपी रहे आईपीएस अफसर सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को अभिषेक दीक्षित की जगह प्रयागराज का नया पुलिस कप्तान नियुक्त किया गया था. सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने आते ही न सिर्फ कई थानेदारों और दरोगाओं का तबादला कर दिया, बल्कि अहम पदों पर रहे कुछ लोगों को सस्पेंड भी कर दिया. तबादला एक्सप्रेस ने पहले दिन ही ट्रैक पर जो तेजी दिखाई, वह लगातार जारी है.


तीन महीने में डिप्टी एसपी, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के 50 से ज़्यादा अफसरों को या तो ट्रांसफर किया गया है, नई पोस्टिंग दी गईं हैं या फिर सस्पेंड और लाइन हाजिर किया गया है. इसके अलावा बड़ी संख्या में हेड कांस्टेबल-कांस्टेबल और दूसरे कर्मचारियों पर भी तबादले की गाज गिरी है. करेली - अतरसुइया- मेजा और फूलपुर थाने के इंचार्जों को तो सस्पेंड किया गया है. नैनी समेत कई थानों के इंचार्ज लाइन हाजिर हुए हैं.


अबतक भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं लगे हैं


हालांकि नये पुलिस कप्तान द्वारा की गई इन ट्रांसफर-पोस्टिंग पर क्राइम कंट्रोल को लेकर भले ही सवाल उठ रहे हों, लेकिन अभी तक इन्हें लेकर भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं लगे हैं. एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी इन तबादलों व कार्रवाइयों को क़ानून व्यवस्था के लिए बेहद ज़रूरी बताकर अपनी सफाई पेश कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी पार्टियों व दूसरे लोगों का कहना है कि अगर क्राइम कंट्रोल न हो रहा हो और अपराधों में कमी न आ रही हो तो फिर तबादला एक्सप्रेस को सरपट दौड़ाने का कोई फायदा नहीं है.


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