UP: एसटीएफ मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों का रहा है कई सफेदपोश माफियाओं से गहरा रिश्ता
एसटीएफ के अफसरों का दावा है कि दोनों बदमाश इन दिनों प्रयागराज के माफिया दिलीप मिश्र के शूटर के तौर पर काम करने लगे थे. मुठभेड़ में एसटीएफ के भी दो लोगों को चोटें आई हैं.
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में आज एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में दो बदमाशों के मारे जाने की घटना को लेकर कई रसूखदार सफ़ेदपोशों का नाम भी सामने आया है. मारे गए सुपारी किलर जहां कभी पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के लिए काम करते थे तो वहीं बाद में वह मुन्ना बजरंगी के लिए भाड़े पर हत्याएं करने लगे थे. मुख्तार अंसारी के पंजाब जेल शिफ्ट किये जाने और मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या होने के बाद दोनों इन दिनों फतेहगढ़ जेल में बंद प्रयागराज के माफिया और समाजवादी पार्टी के पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्र के लिए काम करने लगे थे.
हालांकि भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्र ने इन दोनों शातिर अपराधियों से अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी. विधायक मिश्र ने इन दोनों पर अपनी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी थी. कयास यह लगाए जा रहे हैं कि विधायक विजय मिश्र द्वारा गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखने के बाद से ही दोनों बदमाश पुलिस और एसटीएफ के निशाने पर आ गए थे. एसटीएफ ने कुछ दिन पहले ही राजीव पांडेय और अमजद के एक साथी नीरज को अयोध्या से गिरफ्तार किया था.
दोनों के निशाने पर सपा के एक स्थानीय नेता थे
राजीव पांडेय और अमजद दोनों यूपी के भदोही जिले के रहने वाले थे. दोनों की हिस्ट्रीशीट भदोही के अलग-अलग थानों में खुली हुई थी. राजीव पांडेय ने साल 2009 में जुर्म की दुनिया में कदम रखा था तो अमजद ने साल 2011 में. राजीव पांडेय के खिलाफ 20 मुक़दमे दर्ज थे, जबकि अमजद के खिलाफ 24 मुक़दमे. दोनों के खिलाफ यूपी के कई शहरों में मुक़दमे दर्ज थे तो तो झारखंड में भी कई क्रिमिनल केस दर्ज थे. राजीव और अमजद दोनों ही पुलिस व अपने दुश्मनों को गुमराह करने के लिए कई नामों का इस्तेमाल करते थे. राजीव जहां खुद को कभी वकील पांडेय बताता था तो कभी राजेश पांडेय. अमजद भी खुद का नाम कभी डाक्टर बताता था तो कभी अंगद और कभी पिंटू.
एसटीएफ के अफसरों का दावा है कि दोनों बदमाश इन दिनों प्रयागराज के माफिया दिलीप मिश्र के शूटर के तौर पर काम करने लगे थे. दिलीप समाजवादी पार्टी का नेता है और ब्लाक प्रमुख रह चुका है. दिलीप मिश्र से मिली सुपारी लेकर ही दोनों हत्या की एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए शहर आए हुए थे. दोनों के निशाने पर सपा के एक स्थानीय नेता थे. दिलीप मिश्र से उनकी पुरानी अदावत है. दोनों सपा नेता की गतिविधियों और उनके ठिकानों की रेकी करने के लिए ही प्रयागराज आए थे. रात को दोनों जब अरैल इलाके में यमुना के कछार में बैठकर हत्या की साजिश तैयार कर रहे थे तभी मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ की टीम वहां पहुंच गई थी. मुठभेड़ में एसटीएफ के भी दो लोगों को चोटें आई हैं. हालांकि चोट मामूली है.
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