उमेश पाल और दो सरकारी गनर शूटआउट के दो साल पूरे, परिवार को अभी भी है जान का खतरा
Umesh Pal Murder Case: आज ही के दिन 24 फरवरी 2025 को प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो गनर की कई लोगों ने गोलियां से भून दिया था. इस हत्याकांड के दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन कई आरोपी अभी भी फरार हैं.

Prayagraj News Today: संगम नगरी प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल और दो सरकारी गनर शूटआउट के आज दो साल पूरे हो गए हैं. दूसरी बरसी के मौके पर उमेश पाल के परिवार वालों ने आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. पूजा और हवन के बाद आयोजित श्रद्धांजलि सभा में परिजनों के साथ ही बड़ी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोग भी शामिल हुए हैं.
इस मौके पर लोग नम आंखों के साथ उमेश पाल के चित्र पर फूल चढ़ाकर नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं. कार्यक्रम स्थल पर उमेश पाल के साथ ही मौत के घाट उतारे गए दोनों पुलिस कांस्टेबल की भी तस्वीर लगाई गई है. उमेश पाल के परिजन इस मौके पर खासे भावुक नजर आ रहे हैं. पत्नी जया पाल और मां शांति पाल की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
परिजनों ने बताया खतरा
परिजनों का कहना है कि उमेश पाल की कमी उन्हें हमेशा खलेगी. हालांकि परिजनों ने अपनी सुरक्षा को लेकर खतरा जताया है. परिवार वालों का कहना है कि वारदात में शामिल पांच-पांच लाख रुपये के इनामी तीन शूटर और माफिया अतीक के परिवार की तीन महिलाएं दो साल बीतने के बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. ऐसे में वह गैंग बनाकर उनके लिए खतरा बन सकते हैं. इस वजह से परिवार की सुरक्षा और पुख्ता की जानी चाहिए.
उमेश पाल परिजनों का कहना है कि डर की वजह से परिवार के लोग ना तो बाहर निकलते हैं और ना ही बच्चे नियमित तौर पर स्कूल जा पाते हैं. हालांकि परिवार वालों ने शूट आउट में शामिल ज्यादातर अभियुक्तों को मारे जाने पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है. परिजनों ने कहा है कि मुश्किल वक्त में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अभिभावक की तरह मदद मुहैया कराई है.
परिजनों को उम्मीद है कि योगी सरकार और प्रयागराज पुलिस प्रशासन आगे भी उन्हें मदद मुहैया कराता रहेगा. परिवार को इस बात का भरोसा भी है की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार आगे भी उनकी मदद करती रहेगी.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि दो साल पहले 24 फरवरी 2023 को कचहरी से लौटते समय सुलेम सराय में घर के बाहर ही उमेश पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. फिल्मी अंदाज में किए गए हमले में उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दो सरकारी गनर राघवेंद्र सिंह और संदीप निषाद भी मारे गए थे.
हमलावरों ने दहशत फैलाने के लिए बमबाजी भी की थी. पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. उमेश पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह थे. इस शूटआउट से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी.
शूटआउट का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था. माफिया अतीक अहमद का बेटा भी सीसीटीवी में गोलियां चलाता नजर आया था. घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के फ्लोर पर कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. इसके बाद पूरे मामले में एक्शन शुरू हुआ.
ये आरोपी हो चुके हैं ढ़ेर
पुलिस ने सबसे पहले असद के ड्राइवर अरबाज को धूमनगंज थाना क्षेत्र के नेहरू पार्क में 27 फरवरी को मुठभेड़ में मार गिराया था. इसके बाद यूपी पुलिस ने दूसरा एनकाउंटर 6 मार्च को उमेश पाल पर पहली गोली चलाने वाले विजय चौधरी उर्फ उस्मान का किया था. 13 अप्रैल को झांसी में यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम को ढेर कर दिया था.
15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कर दी गई थी. तीन हमलावरों ने मेडिकल कराने ले जाने के दौरान गोलियों से भून कर माफिया बंधुओं को मौत के घाट उतार दिया था.
अभी शूटआउट में शामिल पांच- पांच लाख के इनामी तीन शूटर्स बमबाज गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान फरार हैं. साजिशकर्ता माफिया अतीक अहमद की पत्नी पचास हजार की इनामी शाइस्ता परवीन भी फरार है. अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा और बहन आयशा नूरी भी वांटेड हैं, लेकिन पुलिस की पकड़ से दूर हैं.
कई आरोपी हैं सलाखों के पीछे
पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में लगभग एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इनके खिलाफ पुलिस अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. आरोपियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट ने आरोप भी तय कर दिया है. पुलिस की मजबूत पैरवी के चलते अब तक किसी भी आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर नहीं हुई है.
आरोपियों में अतीक अहमद का बहनोई डॉक्टर अखलाक अहमद, मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल से गिरफ्तार सदाकत खान, अतीक के वकील खान सौलत हनीफ, वकील विजय मिश्रा और अन्य शामिल हैं. इसके अलावा लखनऊ जेल में बंद अतीक अहमद का बड़ा बेटा मोहम्मद उमर और दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद भी आरोपी बनाए गए हैं. साथ ही अतीक अहमद के नौकर और ड्राइवर समेत कई अन्य आरोपी भी उमेश पाल हत्याकांड की साजिश के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे हैं.
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