Prayagraj News: उमेश पाल की हत्या के बाद गमजदा हैं उनके पालतू कुत्ते, खाना-पीना भी छोड़ा
Umesh Pal Murder: उमेश पाल अपने इन कुत्तों से बेहद लगाव रखते थे,वह इनकी बच्चों की तरह देखरेख करते थे. खुद अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाते थे और अपने हाथों से इन्हें नहलाते थे.
Prayagraj News: यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) में बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या (Umesh Pal Murder Case) के बाद से संगम नगरी में कोहराम मचा हुआ है. यहां हर आंखें नम हैं और हर कोई गमजदा है. इलाके के किसी भी घर में तीसरे दिन भी चूल्हा नहीं जला है. परिवार के लोगों के आंसू तो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं उमेश के परिवार में पूरी तरह मातम पसरा हुआ है.
परिवार में मचा कोहराम और मातम स्वाभाविक है, लेकिन मौत की नींद सो चुके उमेश के घर में कई ऐसे भी लोग हैं, जिनका उनसे सीधे तौर पर कोई रिश्ता नहीं था, फिर भी उन्होंने वारदात के बाद से खाना-पीना पूरी तरह छोड़ दिया है. यह जब रोते हैं तो दुखों का पहाड़ झेल रहे परिवार वालों के आंसू भी कुछ देर के लिए थम जाते हैं.
इनके करुण क्रंदन और गम में डूबे जज़्बात को देखकर सांत्वना देने के लिए घर आने वाले लोगों की आंखें नम हो जाती हैं. इनकी हालत देखकर पत्थर दिल भी भावुक हो जाते हैं. यह वैसे तो बेजुबान हैं, लेकिन फिर भी कुछ कहे बिना ही उमेश पाल के दुनिया से विदा हो जाने के गम को अपने हाव- भाव, अंदाज और तेज आवाज में रोकर बयां कर देते हैं. गम वा गुस्से में यह किसी पर हमला कर उन्हें नुकसान न पहुंचा दें, इसके लिए इन्हें एक जगह बंद कर दिया गया है.
वारदात के बाद चारों कुत्तों ने खाना-पीना छोड़ा
बात हो रही है उमेश पाल के चार पालतू कुत्तों की. डाबरमैन नस्ल के यह चारों कुत्ते काले रंग के हैं. उमेश पाल अपने इन कुत्तों से बेहद लगाव रखते थे. बच्चों की तरह इनकी देखरेख करते थे. खुद अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाते थे. सुबह शाम इन्हे लान में टहलाते थे. अपने हाथों से इन्हें नहलाते थे. जानवरों के डाक्टर से हर थोड़े दिन पर उनका चेकअप कराते थे. इन कुत्तों को वह अपने परिवार के सदस्य जैसा मानते थे. कोर्ट कचहरी की पैरवी से थक हारकर वह शाम को जब भी घर लौटते थे तो कुछ वक्त इन कुत्तों की सेवा में जरूर लगाते थे. उमेश पाल ने अपने इन कुत्तों को पुकारने के नाम भी रखे हुए थे.
उमेश पाल ने सिर्फ इन चार कुत्तों को ही नहीं पाल रखा था, बल्कि उन्होंने और भी कई दूसरे जानवर रखे हुए थे. उमेश ने कुत्तों के साथ ही एक भैंस, बकरा और भेड़ भी पाल रखी है. इसके अलावा उन्होंने दर्जनों की तादाद में चिड़ियों को पाल रखा है. उमेश ने आजाद परिंदो के लिए भी अपने घर पर इंतजाम कर रहा था. खुले में कई जगह पर दाना और पानी रखते थे.उनका मानना था कि बेजुबानो के प्रति भी सभी को पूरी हमदर्दी रखनी चाहिए.
उमेश पाल की हत्या के बाद से घर में पल रहे जानवरों ने खाना पीना छोड़ दिया है. चारों कुत्तों ने तो एक निवाला भी नहीं लिया है. चारों कुत्ते वारदात के बाद से लगातार रो रहे हैं. ज्यादातर वक्त वह सिर झुकाए बैठे रहते हैं या फिर उलझन में इधर-उधर घूमते हुए दिखाई देते हैं. पिछले 3 दिनों से जब वह रोना शुरू करते हैं तो परिवार की महिलाओं के आंसू भी थम जाते हैं. परिवार के लोगों ने उन्हें कई बार कुछ खिलाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे. शनिवार को जिस वक्त उमेश पाल का शव घर लाया गया था, उस वक्त यह चारों कुत्ते तेज आवाज में भौंक रहे थे.
मानो वह यह कहना चाह रहे थे कि अगर हमें खुला छोड़ दिया जाए तो अपने मालिक का कत्ल करने वालों का खुद ही बदला ले लेंगे और उसे अंजाम तक पहुंचा देंगे. घर में पली भैंस बकरा और भीड़ भी वारदात के बाद से बेचैन नजर आ रहे हैं. कहा जा सकता है कि उमेश पाल एक ऐसे नेक दिल इंसान थे, जिनकी मौत पर परिवार वालों और पड़ोसियों के साथ ही हर जानने वाला रो रहा है तो साथ ही तमाम बेजुबान भी उन्हें याद कर आंसू बहा रहे हैं.
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