प्रयागराज: यूपी की योगी सरकार इन दिनों सूबे के जिन सफेदपोश माफियाओं के खिलाफ ऑपरेशन नेस्त-नाबूद अभियान चला रही है, उनमें पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद का नाम पहले नंबर पर है. पिछले एक महीने में अतीक और उसके परिवार की करीब सवा तीन सौ करोड़ रूपये की संपत्ति या तो जब्त की गई है या फिर सरकारी बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया गया है.
करोड़ों की कोठियों और मकानों को किया गया ध्वस्त
अतीक का दफ्तर और घर भी मलबे के ढेर में तब्दील करने के बाद योगी सरकार अब अतीक गैंग के दूसरे सदस्यों और बाहुबली के करीबियों पर भी तेजी से शिकंजा कसने लगी है. इसके तहत अतीक के कई रिश्तेदारों और करीबियों की अवैध रूप से तैयार आलीशान इमारतों पर भी सरकारी बुलडोजर चलने लगा है. बीते तीन हफ्ते में अतीक के 8 करीबियों की करोड़ों की कोठियों और मकानों को सरकारी अमले ने ध्वस्त कर दिया है.
अतीक के करीबियों में खलबली
योगी सरकार के इस सख्त तेवर के बाद बाहुबली के गैंग मेम्बर्स और करीबियों में खलबली मच गई है. सरकारी अमला जिस रफ्तार से बुलडोजर चलवा रहा है, उससे कइयों को अपने आलीशान आशियाने खतरे में नजर आने लगे हैं. कई लोगों ने तो अपने मकानों को पूरी तरह से खाली कर दिया है तो कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने कीमती सामानों और परिवार के सदस्यों को किसी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है. बाहुबली के गुनाहों और उसकी काली कमाई में शामिल रहने वालों की नींद उड़ी हुई है.
सरकारी अमले के रडार पर हैं अतीक के करीबी
सूत्रों के मुताबिक अतीक के दो दर्जन से ज्यादा करीबी फिलहाल सरकारी अमले के रडार पर हैं. इनमें से जिनके भी मकान, ऑफिस या शोरूम में कोई भी कमी होगी, उन सभी पर सरकारी बुलडोजर चलना तकरीबन तय सा है. अतीक के 8 करीबियों की इमारतों को धाराशाई किए जाने के साथ ही उसके बिजनेस पार्टनर कहे जाने वाले अब्बास का शॉपिंग काम्प्लेक्स फिलहाल सील है. अफसरों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसका भी मलबे के ढेर में तब्दील होना तय है.
26 अगस्त से कसना शुरू हुआ था शिकंजा
बाहुबली अतीक की संपत्तियों पर सरकारी अमले का शिकंजा 26 अगस्त से कसना शुरू हुआ था. पहले दौर में करीब दर्जन भर संपत्तियों को सील कर उन्हें जब्त किया गया था. 5 सितम्बर से अतीक और उसके करीबियों की सम्पत्तियों पर सरकारी बुलडोजर चलने लगा. 5 सितम्बर को अतीक के करीबी रिश्तेदार इमरान की हाईकोर्ट के पास की इमारत को गिराया गया. इसी दिन नवाब युसूफ रोड पर भी एक करीबी की बिल्डिंग को जमींदोज किया गया. 8 सितम्बर को करेली इलाके में औसाद नाम के करीबी बिल्डर की तरफ से तैयार कराए जा रहे मकानों पर बुलडोजर चला. 11 सितम्बर को अतीक के चचेरे भाई हमजा उसमान के परिवार की 6 बिल्डिंगें तोड़ी गईं. यं सभी मेहंदौरी इलाके में एक ही कैम्पस में थीं.
करोड़ों की आलीशान हवेली को किया गया ध्वस्त
इसके अलावा 19 सितम्बर को हटवा गांव में डॉन के छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ की ससुराल की करोड़ों की आलीशान हवेली को ध्वस्त किया गया. 26 सितम्बर को अतीक के करीबी राशिद के बेली इलाके के मकान को मलबे में तब्दील किया गया. 29 सितम्बर को राशिद के दूसरे मकान पर सरकारी बुलडोजर चला. इसी दिन अतीक गैंग के शार्प शूटर कहे जाने वाले कम्मो और जाबिर के भी बेली गांव के आशियाने ढहाए गए.
पहली बार हो रही है इस तरह की कार्रवाई
8 करीबियों की जिन 14 बिल्डिंग्स पर सरकारी बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज किया गया है, उनकी अकेले निर्माण की लागत करीब 30 से 40 करोड़ रूपये है. जमीनों को मिलाकर अतीक के इन 8 करीबियों को करीब डेढ़ सौ करोड़ रूपये को चोट लगी है. ये पहला मौका है जब डॉन के करीबियों पर इस तरह से सरकारी शिकंजा कसा जा रहा है.
100 लोगों पर लटक रही है कार्रवाई की तलवार
बाहुबली अतीक इंटर स्टेट गैंग आईएस- 227 का सरगना है. उसके गैंग में 121 सदस्य हैं. सरकारी अमला इन दिनों जिस बेरहमी के साथ बुलडोजर चलाकर करीबियों के आशियानों को रौंद रहा है, उससे तकरीबन 100 लोगों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. इनमें से कई ऐसे हैं जो गैंग के सदस्य नहीं है, लेकिन अतीक की काली कमाई की मलाई खाने वालों में शामिल हैं. हालांकि, दो दर्जन से ज्यादा लोग सीधे तौर पर सरकारी अमले के रडार पर हैं. इनके मकानों और दफ्तरों की कुंडली खंगाली जा रही है. एक-एक कर इन सभी के आशियानों पर भी आने वाले दिनों में बुलडोजर चलना तय है.
अतीक के रिश्तेदारों ने खाली किए मकान
चर्चा है कि अतीक के ससुराल पक्ष के आधा दर्जन रिश्तेदारों ने अपने मकान या तो पूरी तरह खाली कर दिए हैं या फिर कीमती सामानों को हटा दिया है, ताकि तोड़ू दस्ते के पहुंचने पर महंगे सामानों को नुकसान न पहुंचे. जिन गैंग मेम्बर्स और करीबियों ने अपने मकान खाली कर दिए हैं, इनमे सबसे ज्यादा धूमनगंज थाना क्षेत्र के हैं. इस इलाके के रहने वाले एक दर्जन लोगों ने अपने कीमती सामान सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिए हैं. इसके अलावा करेली, गद्दोपुर, नैनी, खुल्दाबाद इलाकों के कुछ करीबियों ने भी अपनी गृहस्थी समेट ली है. बाहुबली के जिन करीबियों के आशियाने पर जल्द ही सरकारी बुलडोजर चलने की आशंका जताई जा रही है, उनमे कुछ सफेदपोश भी हैं. ये अलग-अलग विपक्षी पार्टियों से जुड़े हुए हैं.
गैंग के सदस्यों तक पहुंच गया संदेश
इस बारे में प्रयागराज के एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि अतीक अहमद गैंग के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. गैंग से जुड़े मेम्बर्स पर भी निगाह रखी जा रही है. गैंग के कुछ सदस्यों के असलहों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं. अवैध तरीके से कमाई कर सम्पत्तियां बनाने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है. उनके मुताबिक कई करीबियों ने मकान इसलिए खाली कर दिए हैं, क्योंकि माफिया के गुनाहों में शामिल रहे लोगों पर जिस तरह की सख्ती हो रही है, उनके काले कारनामों पर जिस तरह की चोट की जा रही है, उसका संदेश गैंग मेम्बर्स और दूसरे करीबियों पर पहुंच गया है.
सभी विभाग मिलकर कर रहे हैं काम
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के स्पेशल ऑफिसर सत शुक्ल के मुताबिक माफिया घोषित किए गए अतीक और उसके करीबियों ने बड़ी संख्या में न सिर्फ अवैध निर्माण करा रखे थे, बल्कि सरकारी जमीनों पर कब्जा भी किया हुआ था. सरकारी जमीनों पर निर्माण कर आलीशान कोठियां खड़ी कर ली गईं थीं. माफिया अतीक से सीधे तौर पर जुड़े होने की वजह से इनके खिलाफ पहले कार्रवाई की जा रही थी. उनका दावा है कि ध्वस्तीकरण अभियान में एसटीएफ और प्रशासन के साथ ही कई दूसरे विभाग भी जुड़े हुए हैं. सभी विभागों के आपसी कोआर्डिनेशन से ये कार्रवाई की जा रही थी.
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