प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। लॉकडाउन की बंदिशों के बीच यूपी में शराब की दुकानों को खोले जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर उससे जवाब तलब कर लिया है। अदालत ने यूपी सरकार से यह बताने को कहा है कि लॉकडाउन में जब लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक है और सरकार सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कह रही है, तो फिर शराब की दुकानों को कैसे खोला गया है।


अदालत ने यह भी बताने को कहा है कि क्यों न शराब की दुकानों को लॉकडाउन रहने तक बंद रखे जाने के आदेश दिए जाएं और क्या सरकार के पास ऑनलाइन बिक्री कराकर होम डिलेवरी की भी कोई योजना है। यूपी सरकार को इन सभी बिंदुओं पर पांच दिनों में अपना जवाब देना होगा। चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की डिवीजन बेंच इस मामले में अब 12 मई को फिर से सुनवाई करेगी।


गौरतलब है कि हाईकोर्ट के वकील और सोशल एक्टिविस्ट सुनील चौधरी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर शराब की दुकानों को खोले जाने के फैसले पर रोक लगाए जाने और शराब की बिक्री ज़रूरी होने की सूरत में दुकानों से शराब बेचे जाने के बजाय ऑनलाइन बिक्री कराकर होम डिलेवरी कराए जाने की मांग की थी। अपनी इस मांग के लिए उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स को आधार बनाया थाजिसमें शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने और साथ ही दुकानों तक पहुंचने के लिए लॉकडाउन तोड़ने की खबरें शामिल थीं। सुनील चौधरी ने यह भी मांग की थी कि जिन लोगों ने शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कियाउनकी पहचान कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएं। सुनील की अर्जी को हाईकोर्ट ने पीआईएल यानी याचिका के तौर पर सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया था।


 यह भी पढ़ें:


उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को घेरा- बोले, कोरोना संकट में उत्तराखंड में जनता भगवान भरोसे