Allahabad University News: चार गुना फीस बढ़ोतरी को लेकर यूपी (Uttar Pradesh) की इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छिड़ा विवाद फिलहाल खत्म नहीं हो सका है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों के बीच तकरीबन ढाई घंटे तक बातचीत जरूर हुई, लेकिन यह बातचीत पूरी तरह बेनतीजा साबित हुई. बैठक के बाद जमकर हंगामा और छात्रों और चीफ प्रॉक्टर में तीखी नोकझोंक हुई. इतना ही नहीं बैठक खत्म होने के बाद छात्रों ने तो अपनी बातें रखी लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन के लोग मीडिया के कैमरों को देखकर भागते हुए नजर आए.
अपनी-अपनी जिद पर अड़े
बातचीत के दौरान छात्र और यूनिवर्सिटी प्रशासन अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे. हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से यह जरूर कहा गया कि छात्रों ने जो बातें रखी हैं वह वाइस चांसलर को बताई जाएंगी और अब इस मामले में अंतिम फैसला वाइस चांसलर को ही करना होगा. अहम सवाल यह है कि जब एक महीने से ज्यादा के वक्त से यूनिवर्सिटी में हंगामा मचा हुआ है तो ऐसे में बातचीत करने के लिए खुद वाइस चांसलर बैठक में क्यों नहीं आईं. उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को क्यों भेजा और जो प्रतिनिधि वाइस चांसलर की तरफ से आए थे, वह कोई फैसला क्यों नहीं ले सके.
छात्रों का आंदोलन जारी
गौरतलब है कि चार गुना फीस बढ़ोतरी के विरोध में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्रों का आंदोलन लगातार जारी है. जिला और पुलिस प्रशासन के दखल पर यूनिवर्सिटी प्रशासन आंदोलन कर रहे छात्रों के साथ बातचीत को तैयार हुआ. हालांकि छात्रों की तरफ से दिए गए तमाम नामों को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रिजेक्ट कर दिया और सिर्फ 20 छात्रों को ही बैठक में शामिल होने को कहा. इस बैठक में जिला और पुलिस प्रशासन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
बैठक में नहीं निकला नतीजा
बैठक दोपहर 3:00 बजे से शुरू होकर शाम करीब 5:30 बजे तक चली. हालांकि ढाई घंटे तक चली बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फीस बढ़ाने की अपनी दलीलें गिनाई तो वहीं छात्रों की तरफ से बढ़ी हुई फीस वापस लिए जाने, छात्रसंघ बहाल किए जाने और छात्रों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे को वापस लिए जाने की बात कही गई. दोनों पक्ष अपने-अपने एजेंडे पर कायम रहे. इस वजह से इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका.
छात्रों ने किया हंगामा
बैठक बेनतीजा होने से बाहर निकलकर छात्रों ने हंगामा भी किया. छात्रों की तरफ से कहा गया कि जब यूनिवर्सिटी प्रशासन को अड़ियल रवैया ही अपनाना है तो फिर बातचीत क्यों की गई. कुछ छात्रों की चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार से तीखी नोकझोंक भी हुई. हालांकि पुलिस और प्रशासन के लोगों ने छात्रों को समझा-बुझाकर शांत कराया और चीफ प्रॉक्टर समेत यूनिवर्सिटी के दूसरे दिन जिम्मेदार लोगों को दूसरे रास्तों से बाहर निकाला.
प्रशासन ने नहीं की मीडिया से बात
बैठक खत्म होने के बाद छात्रों ने मीडिया को बातचीत विफल होने की जानकारी दी लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन के लोगों ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. मीडिया ने जब उनसे बैठक के बारे में जानना चाहा तो वाइस चांसलर के सलाहकार प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण से लेकर वीसी की प्रतिनिधि प्रोफेसर अनामिका अग्रवाल और चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार से लेकर रजिस्टर एन के शुक्ला तक बचते और भागते हुए नजर आए. सवाल करने पर किसी ने अपने मुंह पर उंगली रख ली तो कोई दौड़कर पीछे भागता हुआ और कोई गाड़ी में बैठ कर रफू चक्कर होता हुआ दिखाई दिया. सवाल यह है कि आखिरकार यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार लोगों को ऐसा कौन सा डर सता रहा था जिसकी वजह से वे इस तरह भागते हुए दिखाई दिए.