Narendra Giri Death: बेल मिलेगी या जेल? आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर आज फैसला सुनाएगा इलाहाबाद हाईकोर्ट
Allahabad High Court: आनंद गिरि 22 सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं. इसी साल 18 अगस्त को उन्हें प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल ट्रांसफर कर दिया गया था.
Anand Giri News: साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी मामले (Mahant Narendra Giri suicide case) के मुख्य आरोपी आनंद गिरि की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) आज 9 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगा. जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच का फैसला शाम पौने चार बजे सुनाया जाएगा. आनंद गिरि इन दिनों यूपी की चित्रकूट जेल में बंद हैं. महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि की गिरफ्तारी हुई थी और उनके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी.
22 सितंबर 2021 से जेल में बंद आनंद
महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में पिछले साल 20 सितंबर को फंदे पर लटका हुआ पाया गया था. घटना के कुछ देर बाद ही हरिद्वार से आनंद गिरि की गिरफ्तारी की गई थी और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर प्रयागराज लाया गया था. आनंद गिरि 22 सितंबर 2021 से जेल में बंद हैं. इसी साल 18 अगस्त को उन्हें प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल ट्रांसफर कर दिया गया था.
खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप
आनंद गिरि पर अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल करते हुए उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है. इस मामले की जांच देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआई ने की थी. सीबीआई ने इस मामले में आनंद गिरि समेत 3 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आनंद गिरि ने पिछले साल दिसंबर महीने में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी और खुद को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिए जाने की अपील की थी.
क्या दलील दिया है आनंद गिरी ने
अदालत में बहस के दौरान सीबीआई और यूपी सरकार ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी का विरोध किया. वहीं आनंद गिरि की तरफ से यह दलील दी गई कि उनके खिलाफ सीबीआई को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. सिर्फ शक के आधार पर नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में उनका नाम लिखा था. वह घटना के पिछले 6 महीने से प्रयागराज कभी आए ही नहीं थे. फोन और सोशल मीडिया के जरिए भी उनका अपने गुरु से कोई संपर्क नहीं होता था. ऐसे में उनपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं.
कोर्ट से बेल मिलेगी या जेल?
इस मामले में एफआइआर कराने वाले महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य स्वामी अमर गिरि और पवन महाराज ने इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह कहा था कि उन्होंने पुलिस को सिर्फ मौखिक सूचना दी थी. लिखित तौर पर किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की थी. पुलिस ने अपनी तरफ से उनके नाम एफआईआर दर्ज की है और वह अपनी FIR को वापस लेना चाहते हैं. अब देखना यह होगा कि अदालत का फैसला क्या कुछ आता है. आनंद गिरि को बेल मिल जाएगी या फिर उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.
कल नरेंद्र गिरी की पहली बरसी
कल यानी 10 सितंबर को ही महंत नरेंद्र गिरि की पहली बरसी भी है, जिस पर प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में एक बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में देश भर से सैकड़ों लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है.