Prayagraj: 10 साल की मासूम के बुलंद हौसलों के आगे फीकी पड़ी सूरज की तपिश, CM से मिलने दौड़ते हुए जा रही प्रयागराज से लखनऊ
Uttar Pradesh News: काजल निषाद सरकार से उचित संम्मान न मिलने पर मुख्यमंत्री Yogi Adityanath से मुलाकात करने के लिए रविवार को अपने घर से लखनऊ मिशन पर निकल पड़ी.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) पहुंची इंदिरा मैराथन और अल्ट्रा मैराथन में हिस्सा लेने वाली 10 साल की मासूम काजल निषाद चौथी क्लास की छात्रा है. प्रयागराज (Prayagraj) के मांडा की एथलीट काजल निषाद सरकार से उचित सम्मान न मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात करने के लिए रविवार को अपने घर से लखनऊ मिशन पर निकल पड़ी. आसमान से बरसती गर्मी की तपिस से सड़कें आग उगल रही हैं बावजूद इसके मासूम का जज्बा डिगा नहीं. बुलंद हौसले के साथ लखनऊ की मैराथन यात्रा निकल पड़ी है. यह यात्रा लगभग 210 किलोमीटर की होने वाली है.
कर चुकी है हौसले का प्रदर्शन
प्रयागराज के मांडा इलाके के छोटे से गांव ललितपुर के नीरज निषाद रेलवे में नौकरी करते हैं जिनकी सबसे छोटी बेटी एथलीट काजल है. वह पहले अल्ट्रा मैराथन में प्रयागराज से दिल्ली तक दौड़ लगाकर अपने हौसले का प्रदर्शन कर चुकी है. रविवार को प्रयागराज जिला मुख्यालय के सिविल लाइन के सुभाष चौक से काजल लखनऊ के लिए दौड़ पड़ी.
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क्या हैं उपलब्धियां
काजल प्रयागराज से इंडिया गेट तक 720 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली और बीते साल अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन 42 किलोमीटर 4 घंटे 22 मिनट 25 सेकेंड में पूरी कर चुकी है. ये नन्हीं धाविका आज प्रयागराज से लखनऊ जाते समय प्रतापगढ़ के कुंडा में है. दो बड़ी उपलब्धि अपने नाम करने वाली काजल को उचित सम्मान नहीं मिला. इसी सम्मान को हासिल करने के लिए झुलसाने वाली गर्मी और आग की तरह तपती सड़क पर सीएम से मिलने निकल पड़ी है.
काजल का क्या कहना है
काजल का कहना है कि योगी जी का नारा है बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ लेकिन बेटियों को उचित सम्मान नहीं देते हैं इसी वजह से हम सीएम योगी से मुलाकात करने के लिए दौड़ते हुए जा रहे हैं.
साथ देने वाला कोई नहीं
बता दें कि काजल की दो बहनें और एक भाई है. पिता नीरज निषाद मिर्जापुर में रेलवे में नौकरी करते हैं. इनकी मां शांति देवी एक हाउस वाइफ है. काजल घर मे सबसे छोटी है. इतने लोगों में से काजल का साथ देने के लिए कोई भी साथ में नहीं है. सिर्फ काजल के कोच रजनीकांत और उनके दोस्त तेज बहादुर निषाद इस बच्ची का हौसला बढ़ाने में लगातार जुटे हैं.
कोच ने क्या कहा
कोच रजनीकांत का कहना है कि बच्ची को उचित सम्मान नहीं मिला इसलिए मुख्यमंत्री से मिलाने के लिए ले जा रहे हैं. इसके सम्मान के लिए कई बार प्रयागराज के खेल विभाग में शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ. एक बार स्टेज पर खेल सचिव पीके श्रीवास्तव से मिलने गए तो पुलिस वालों ने रोक लिया. बच्ची को उसका हक मिलना चाहिए.