Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी पिछड़ों की राजनीति एक जाति तक सीमित रही है. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग (OBC reservation) के हक की रक्षा करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है. उनके अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया किया जाएगा. उपमुख्यमंत्री ने अपने एक बयान में कहा कि सपा का काला चेहरा सबको याद है. सपा की पिछड़ी राजनीति एक जाति तक सीमित रही है, उन्हें इस मुद्दे पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है. उन्होंने पिछड़ों का वोट लेकर केवल अपने परिवार का भला किया है. पिछड़ों की कमाई से अपने परिवार को मलाई ही उनकी विचारधारा रही है.


पिछड़ों के अधिकारों से समझौता नहीं- मौर्य
ओबीसी आरक्षण पर दाखिल याचिका पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ ने बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव समय से कराने का फैसला सुनाया है. इस आदेश पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश का सम्मान है, लेकिन राज्य में सरकार में होने के नाते और प्रदेश का सबसे बड़ा राजनीतिक दल होने के नाते अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों के हकों की, उनके हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है. इसलिये सरकार ने तय किया है कि पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जायेगा.


सुप्रीम कोर्ट में अपील का रास्ता खुला- मौर्य
मौर्य ने कहा कि राज्य सरकार नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध करायेगी. इसके बाद ही चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराई जायेगी. उन्होंने कहा कि अभी हम विधि विशेषज्ञों से हाईकोर्ट के आदेश का गंभीरता से अध्ययन करा रहे हैं, उसके बाद सभी कानूनी पहलुओं पर विचार विमर्श करके अगर आवश्यकता हुई तो पिछड़ा समाज के हक की लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जायेंगे. राज्य सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील का रास्ता खुला है.


बीजेपी ने दिया पिछड़ा वर्ग को सम्मान- मौर्य
मौर्य ने कहा कि बीजेपी ने बूथ से लेकर प्रदेश और देश की राजनीति में हर जगह पिछड़ा वर्ग को पद देकर सम्मान दिया है, यही वजह है कि 2014, 17, 19 और 2022 में बीजेपी को देश और प्रदेश में शीर्ष पर पहुंचाने में सब वर्गों के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग का सबसे अहम योगदान रहा है. यूपी सरकार ने इस समाज को प्रतिनिधित्व देते हुये मंत्रिमंडल में 18 मंत्रियों को शामिल किया है और केंद्र में भी बड़ी संख्या में ओबीसी मंत्री हैं.


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