Uttar Pradesh News: प्रयागराज (Prayagraj) की धरती पर लगे सनातन धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले (Magh Mela 2023) में इस्लामिक साहित्य बेचने और मुफ्त में बांटे जाने के मामले में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Jyotish Peeth Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati) ने गहरी साजिश की आशंका जताई है. उन्होंने कहा है कि यह केवल धर्मांतरण (Religious Conversion) से जुड़ा हुआ मामला नहीं हो सकता है. उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया है कि माघ मेले के बाद संगम की धरती पर लगने वाले 2025 के महाकुंभ में किसी बड़ी साजिश की भी तैयारी हो सकती है.


शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि माघ मेले की चाक चौबंद सुरक्षा के बावजूद अगर इस तरह की घटनाएं हो रही हैं तो यह भी सोचने का विषय है कि आखिर इसके पीछे कोई न कोई ताकत भी खड़ी हुई है. उन्होंने कहा है कि पुलिस के साथ ही देश की बड़ी जांच एजेंसियों को इस मामले में जांच पड़ताल करनी चाहिए और पूरे मामले का खुलासा होना चाहिए.


3 हो चुके हैं गिरफ्तार
गौरतलब है कि माघ मेले में इस्लामिक साहित्य बेचने और मुफ्त में बांटे जाने का मामला प्रकाश में आया था. इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच ने की थी और तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से ऐसे इस्लामिक साहित्य बरामद हुए थे जिनमें हिंदू धर्म के लिए आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थीं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि माघ मेला विशुद्ध धार्मिक मेला है.


इसे बताया चिंताजनक 
माघ मेले में सनातन धर्म के जो भी श्रद्धालु आते हैं वे पूरी तरह से हिंदू धर्म के प्रति आस्थावान होते हैं, तभी यहां पर आते हैं और संगम की रेती पर बने तंबूओं में कठिन तप करते हैं. ऐसे में उनका धर्म परिवर्तन करना आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अगर सनातन धर्म के आस्था के मेले में किसी दूसरे धर्म का साहित्य बेचा जा रहा है या उसे मुफ्त में बांटा जा रहा है तो यह निश्चित तौर पर चिंताजनक है. उन्होंने कहा है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और पूरे मामले का खुलासा भी होना चाहिए.


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