Magh Mela 2023: प्रयागराज में मकर संक्रांति पर 39 लाख से अधिक श्रद्धालुओं लगाई आस्था की डुबकी, CM योगी की आई प्रतिक्रिया
Makar Sankranti 2023: माघ मेले का अगला स्नान 21 जनवरी को मौनी अमावस्या, 26 जनवरी को बसंत पंचमी, पांच फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पड़ेगा जिसके साथ माघ मेला संपन्न होगा.
Uttar Pradesh News: प्रयागराज (Prayagraj) में संगम तट पर आयोजित वार्षिक माघ मेला (Magh Mela 2023) के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) पर रविवार को शाम चार बजे तक करीब 22 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. शनिवार को 14 लाख से अधिक लोगों ने यहां संगम स्नान किया था. इस प्रकार से दो दिनों में कुल 36 लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया. प्रयागराज मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को मकर संक्रांति पर शाम चार बजे तक करीब 22 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया. गंगा और संगम तट सभी 14 घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ भोर चार बजे से ही बनी रही. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व, प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर पांच लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया था.
क्या कहा सीएम योगी ने
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने ट्वीट कर कहा है कि, प्रयागराज में मकर संक्रांति के अवसर पर त्रिवेणी में स्नान का सौभाग्य पाने वाले पूज्य संतों व श्रद्धालुओं का अभिनंदन! संक्रांति के अवसर पर अब तक 39 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है.पर्व के सकुशल संपन्न होने की प्रशासन व प्रदेश वासियों को बधाई!
प्रयागराज में मकर संक्रांति के अवसर पर त्रिवेणी में स्नान का सौभाग्य पाने वाले पूज्य संतों व श्रद्धालुओं का अभिनंदन!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 15, 2023
संक्रांति के अवसर पर अब तक 39 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है।
पर्व के सकुशल संपन्न होने की प्रशासन व प्रदेश वासियों को बधाई!
क्या कहा साधू-संतों ने
सनातन ज्ञान पीठ, कुरुक्षेत्र के धनंजय स्वरूप ब्रह्मचारी के मुताबिक, यदि संक्रांति अर्धरात्रि या उसके बाद हो तो संक्रांति जनित पुण्य काल दूसरे दिन ही मनाना चाहिए. अतः उदया तिथि अनुसार, मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को सूर्योदय से प्रारंभ होकर सायंकाल सूर्यास्त तक मान्य है. उन्होंने कहा कि माघ मेले में शनिवार की तुलना में रविवार को कहीं अधिक लोगों ने गंगा में स्नान किया. इससे प्रतीत होता है कि ज्यादातर लोगों ने रविवार को ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया.
काशी सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि पुराणों में मकर संक्रांति को देवताओं का दिन बताया गया है और इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस मिलता है. इस दिन शुद्ध घी और कंबल का दान मोक्ष की प्राप्ति कराता है. हर वर्ष माघ मेला में अनुष्ठान के लिए आने वाले स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगा जी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनी के आश्रम से होते हुए सागर में मिली थीं.
सुरक्षा के खास इंतजाम
माघ मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं के सुगम स्नान के लिए इस वर्ष 14 घाट बनाए गए हैं जिनकी कुल लंबाई 6000 फुट से अधिक है. मेला क्षेत्र में सुगम आवागमन के लिए गंगा नदी पर पांच पांटून पुल बनाए गए हैं. माघ मेले में कुल 13 थाने और 38 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं. मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो पुलिस अधीक्षक, तीन अवर पुलिस अधीक्षक, नौ क्षेत्राधिकारी और 5,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. माघ मेले का अगला स्नान 21 जनवरी को मौनी अमावस्या, 26 जनवरी को बसंत पंचमी, पांच फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पड़ेगा जिसके साथ माघ मेला संपन्न होगा.