UP News: 10 जून को प्रयागराज (Prayagraj) समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसात्मक घटनाएं हुई थीं. इसके बाद प्रयागराज में कई गिरफ्तारियां हुई. जुमे की नमाज के बाद हिंसा और बवाल के मामले में जिला कोर्ट ने सात और पत्थरबाजों की जमानत अर्जी की खारिज की है. जमानत अर्जी मजिस्ट्रेट की अदालत ने खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के अपराध के हैं. इसलिए जमानत का कोई पर्याप्त आधार नहीं है.
21 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज
हिंसा के मामले में अब तक 21 आरोपितों की जमानत अर्जी इस कोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है. आरोपी अबरार हुसैन, मोहम्मद परवेज, गुलाम गौस, मोहम्मद अजीम के खिलाफ की जमानत खारिज हो चुकी है. इनके खिलाफ खुल्दाबाद थाने में मुकदमा दर्ज है. वहीं आरोपी इफ्तिखार आलम, मोहम्मद अजीज और मोहम्मद परवेज की भी जमानत खारिज हुई है.
इस मामले में अब कई पेट्रोल पंप और गेस्ट हाउस भी जांच के दायरे में हैं. पुलिस पेट्रोल पंपों और गेस्ट हाउसों की भूमिका की भी जांच कर रही है. आशंका है कि साजिश कर्ताओं ने बाहर से आए उपद्रवियों को मुफ्त में पेट्रोल भी मुहैया कराया था. इसके साथ ही हिंसा ग्रस्त अटाला इलाके के आसपास के कई गेस्ट हाउसों में वाहन भी खड़े किए गए थे.
क्या बोले एसएसपी?
वहीं अब 5 पेट्रोल पंप और पांच गेस्ट हाउसों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. मिलीभगत पाए जाने पर पेट्रोल पंप और गेस्ट हाउस संचालकों पर शिकंजा भी कसा जाएगा.
प्रयागराज में हुई 10 जून की हिंसा में पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई करते हुए आरोपितों के पोस्टर जारी किए हैं. प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने बताया कि 92 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद 40 और लोगों के नाम काफी साफ हैं. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस काम कर रही है, वो अभी फरार हैं और उनके ठिकानों पर दबिश दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि अगर वो पुलिस या न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुए तो NBW जारी करा के धारा 82-83 की कार्रवाई करते हुए उनके घरों की कुर्की की जाएगी. इसके अलावा 45 ऐसे वीडियो और फोटो मिले हैं. जिसमें साफ दिख रहा है वो पत्थरबाजी और आगजनी में शामिल थे.
ये भी पढ़ें-