Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में नारी शक्ति की अनोखी मिसाल देखने को मिली जब गंगा दशहरा के मौके पर यहां महिलाओं ने आरती कराई. ऐसा पहली बार हुआ है, जब कहीं पर महिलाओं ने आरती के पात्र को हाथ में उठाकर पूरी आरती को संपन्न कराया है. यहां प्रशासन की तरफ से कराई जाने वाली जय त्रिवेणी जय प्रयागराज आरती समिति में आ महिलाओं ने पात्र को हाथ में लेकर पूरी आरती संपन्न कराई.
आरती संपन्न कराने वाली कन्याओं को बाकायदा इसके लिए ट्रेनिंग दी गई थी. यह कन्याएं अब हफ्ते में कम से कम एक दिन और साथ ही तमाम खास मौकों पर आरती को संपन्न कराएंगी. अभी तक महिलाओं द्वारा आरती कराए जाने की परंपरा कहीं नहीं थी. आने वाले दिनों में इस पर विवाद भी हो सकता है. खास बात यह है की आरती कराने वाली कन्याएं सिर्फ ब्राह्मण समुदाय की ही नहीं बल्कि अन्य जातियों से भी हैं.
महिलाओं ने कराई गंगा आरती
महिलाओं द्वारा कराई जाने वाली इस आरती को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. आरती समिति के प्रमुख तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडेय के मुताबिक महिलाएं अब किसी भी फील्ड में पुरुषों से पीछे नहीं है. पीएम मोदी और उनकी सरकार भी यही संदेश देती है. नारी शक्ति के सशक्तिकरण का संदेश देने के लिए ही यह परंपरा शुरू की गई है. आरती में शामिल श्रेयसी पांडेय, अनुष्का सिंह और वैष्णवी केसरवानी के मुताबिक यह उनके लिए भी ऐसा अनूठा अनुभव है, जो उन्हें गौरवान्वित करने वाला है.
आयोजक प्रदीप पांडेय के मुताबिक उनके यहां आरती के लिए सात चबूतरे बनाए गए हैं. रोजाना सात पात्रों से आरती कराई जाती है. आरती के लिए अभी नौ युवतियों को ट्रेनिंग दी गई है. यह युवतियां खास भारतीय पारंपरिक परिधान में आरती कर रही हैं. उनके मुताबिक प्रयागराज में शुरू की गई यह परंपरा मील का पत्थर साबित हो सकती है. इस शुरुआत के लिए गंगा दशहरा से बेहतर कोई दूसरा मौका नहीं हो सकता था.
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