Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज की महिला संतों ने निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के उस बयान पर गहरी नाराजगी और कड़ा एतराज जताया है, जिसमें उन्होंने हिंदू महिलाओं को चार- चार बच्चे पैदा करने की नसीहत दी थी. प्रयागराज में महिलाओं के परी अखाड़े से जुड़ी साध्वियों का कहना है कि महिलाएं कोई बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं है कि उन्हें चार-चार बच्चे पैदा करने की नसीहत दी जाए. इस तरह का बयान पुरुषवादी मानसिकता की सोच का नतीजा है. 


परी अखाड़े की साध्वियों का कहना है कि एक तरफ सरकार परिवार नियोजन को बढ़ावा दे रही है. ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को नौकरी और दूसरी सुविधाओं से वंचित रखने की बात कही जा रही है. महंगाई के चलते लोग दो बच्चों का भी ठीक से पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं. ज्यादा बच्चे पैदा कर हिंदुओं की आबादी बढ़ाने के बजाय बच्चों को संस्कारवान बनाना जरूरी है. 


औरेतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
महिलाओं के परी अखाड़े की प्रमुख साध्वी त्रिकाल भवंता का कहना है कि औरतें कोई बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं है कि आबादी बढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर थोप दी जाए. एक संतान को जन्म देने में महिलाओं को अपार पीड़ा सहनी पड़ती है. उन्होंने महिलाओं को चार बच्चे पैदा करने की नसीहत देने वाले महामंडलेश्वर प्रेमानंद जी महाराज को चुनौती देते हुए कहा है कि महिलाओं को नसीहत देने से पहले वह खुद एक बच्चा पैदा कर दिखाएं.


प्रयागराज की साध्वियों का कहना है कि यह बयान महिलाओं को अपमानित करने और उन्हें नीचा दिखाने वाला है. ऐसी बयानबाजी कर महिलाओं को सिर्फ बच्चा पैदा करने की मशीन समझने वाले लोगों को माफी मांगनी चाहिए. इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साध्वियों के मुताबिक हर पुरुष और महिला अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर ही परिवार को आगे बढ़ाती है. किसे कितने बच्चे रखने हैं, यह व्यक्ति खुद तय करता है. यह बयान महिलाओं का अपमानित करने वाला है.


गौरतलब है कि निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने कहा था कि देश में हिंदुओं की आबादी घट रही है. दूसरे धर्म के लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आबादी बढ़ाने के लिए हिंदू महिलाओं को चार-चार बच्चे पैदा करने चाहिए.


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