प्रयागराज: यूपी की योगी सरकार ने अयोध्या के बाद अब प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर में भगवान राम की विशाल मूर्ति लगाने का फैसला किया है. सरकार ने इसके लिए पंद्रह करोड़ रुपए का बजट भी मंजूर किया है. योगी सरकार के इस एलान से श्रृंगवेरपुर के लोगों में खुशी की लहर है और यहां के नागरिकों के साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने भी सरकार का आभार जताया है.


श्रृंगवेरपुर में निषादराज के साथ भगवान की विशाल और भव्य प्रतिमा लगाने का बजट भले ही आज मंजूर हुआ हो, लेकिन इसका एलान सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की मौजूदगी में ठीक दो साल पहले भगवान राम से जुड़े इसी तीर्थ स्थल पर किया था. केशव मौर्य और स्मृति ईरानी उस वक़्त यहां आयोजित राष्ट्रीय रामायण मेले के उदघाटन में आए हुए थे. आज जब इसका औपचारिक एलान हुआ तो उस दिन भी राष्ट्रीय रामायण मेले की शुरुआत हुई है. मेले के दूसरे दिन डिप्टी सीएम केशव मौर्य खुद श्रृंगवेरपुर आएंगे और आयोजन में शिरकत करेंगे.


श्रृंगवेरपुर धाम में अपने मित्र निषादराज से मिलने आते थे भगवान राम


श्रृंगवेरपुर धाम से ही भगवान राम ने मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया था. यही वह अपने मित्र निषादराज से मिलने आते थे. यहीं से भगवान राम के वनवासी जीवन की शुरुआत हुई थी. मां सीता ने यहीं पर गंगा मइया की पूजा कर उनका आशीर्वाद लिया था. लंका दहन और रावण वध के बाद भगवान राम का पुष्पक विमान सबसे पहले यहीं उतरा था. केवट ने इसी जगह से राम-लक्ष्मण और सीता को अपनी नाव से गंगा नदी पार कराई थी.


भगवान राम की बहन देवी शांता उर्फ़ आनंदी मैया का ब्याह यहीं श्रृंगी ऋषि के साथ हुआ था. श्रृंगी ऋषि और देवी शांता का यहां भव्य मंदिर भी है. राजा दशरथ द्वारा श्रृंगी ऋषि से कराए गए पुत्रेष्टि यज्ञ की वजह से ही उनके घर राम व दूसरे पुत्रों का जन्म हुआ था. कहा जा सकता है कि श्रृंगवेरपुर धाम से भगवान राम का गहरा नाता है. इस जगह का भगवान राम से कई तरह से जुड़ाव है.


अयोध्या के बाद यूपी में दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा होगी श्रृंगवेरपुर में लगने वाली भगवान राम की यह मूर्ति


गौरतलब है कि श्रृंगवेरपुर में लगने वाली भगवान राम की यह मूर्ति अयोध्या के बाद यूपी में दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा होगी. ख़ास बात यह है कि यहां लगने वाली मूर्ति में भगवान राम के साथ ही निषादराज भी रहेंगे. भगवान राम और निषादराज की यह विशालकाय व भव्य मूर्ति आपस में गले मिलते हुए हो सकती है. दो साल पहले श्रृंगवेपुर में भगवान राम की निषादराज की मूर्ति लगाने का एलान करते वक्त डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने बार -बार दोहराया था कि भगवान राम ने यहां निषादराज से दोस्ती निभाकर सामाजिक समरसता को जो संदेश दिया था, उस पर आज अमल किये जाने की ज़रुरत है.


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