UP News: बस्ती में निजी अस्पताल की करतूत से इंसानियत शर्मसार हो गई है. परिजनों का आरोप है कि मरीज की मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन रुपए ऐंठता रहा. परिजन छह माह की गर्भवती महिला का इलाज कराने न्यू अवध अस्पताल ले गए थे. डॉक्टर ने महिला का अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी. अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखकर पेट में शिशु के मौत होने की जानकारी दी गई. सदमे में आए पति को कहा गया कि मरीज की जान बचाने के लिए मरे हुए बच्चे को पेट से निकालना जरूरी है.


निजी अस्पताल की अमानवीय करतूत सामने


पति ने पत्नी के ऑपरेशन कराने की इजाजत दे दी. आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन इलाज के नाम पर परिजनों से रुपए ऐंठते रहा. अस्पताल प्रबंधन की रुपए की भूख खत्म नहीं हुई. रुपए देने से इंकार करने पर परिजनों को बंधक बना लिया गया. हंगामा करने पर परिजनों से मरीज को गोरखपुर ले जाने के लिए कहा गया. बैकफुट पर आए अस्पताल प्रबंधन ने आनन फानन एंबुलेंस बुलवाकर प्रसूता को सवार भी कर दिया. डॉक्टरों ने मरीज की गंभी स्थिति का हवाला दिया. परिजनों का आरोप है कि सुधा की मौत पहले ही हो चुकी थी.


मरीज की मौत के बाद भी उगाही का आरोप


अस्पताल प्रबंधन ने लीपापोती करने के लिए मरीज की गंभीर स्थिति का हवाला दिया और इलाज के नाम पर रुपए ऐंठते रहा. परिजनों का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन ने साजिश के तहत प्रसूता को गोरखपुर ले जाने की सलाह दी. मामले की शिकायत जिलाधिकारी से करने का फैसला लिया गया. जिलाधिकारी के आदेश से पुलिस और प्रशासनिक अमले ने अस्पताल प्रबंधन पर लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी है. सीएमओ आरपी मिश्रा ने बताया कि परिजनों की लिखित शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है.  एएसपी दीपेंद्र चौधरी ने कहा कि न्यू अवध अस्पताल को सील कर दिया गया है. पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी है. 


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