Premanand Mishra Vs Pradip Mishra: राधा रानी को लेकर वृंदावन के संत प्रेमानंत महाराज और कथावाचक प्रदीप मिश्रा के बीच विवाद इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. हाल में दोनों के बीच सुलह होने की खबरें सोशल मीडिया पर आई थी, जिनका प्रेमानंद महाराज के शिष्यों ने खंडन किया है. उन्होंने साफ कहा कि प्रेमानंद महाराज और प्रदीप मिश्रा के बीच सुलह की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं. इनमें कोई सत्यता नहीं है.
प्रेमानंद महाराज के शिष्यों ने कहा कि सोशल मीडिया पर आजकल इस तरह की खबरें वायरल हो रही है कि प्रेमानंद महाराज और प्रदीप मिश्रा के बीच मध्य प्रदेश के मंत्री विजय वर्गीय द्वारा सुलह करा दी गई है यह पूर्णता असत्य है इसमें कोई सत्यता नहीं है. प्रेमानंद महाराज के शिष्यों में वीडियो जारी कर इस खबर का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है. हमारे पास सुलह के लिए कोई फोन नहीं आया है और न ही प्रेमानंद महाराज से इस संबंध में किसी की कोई बात हुई है.
सुलह के दावों का शिष्यों ने किया खंडन
प्रेमानंद महाराज के शिष्यों ने कहा कि हम आपको पुष्टि करना चाहते हैं कि प्रदीप मिश्रा का ऐसा कोई कॉल नहीं आया है और न ही उनके बीच कोई सुलह हुई है जो ये खबरें वायरल हो रही है. इसमें कोई सत्य नहीं हैं क्योंकि प्रेमानंद महाराज फोन नहीं रखते हैं. कोई फोन आएगा तो वो हमारे पास आएगा. महाराज जी के पास सीधे कोई बात नहीं पहुंचाई जा सकती. इन खबरों पर ध्यान न दें.
दरअसल प्रेमानंद महाराज और प्रदीप मिश्रा के बीच पूरा विवाद एक पुराने वीडियो को लेकर छिड़ गया था. ये वीडियो प्रदीप मिश्रा का था, जिसमें वो ये कहते दिख रहे हैं कि राधा जी बरसाने की रहने वाली नहीं थी. बल्कि यहां पर उनके पिता ब्रसभानु की कचहरी थी, जहां वो साल में एक बार जाती थी. वहीं प्रदीप मिश्रा ये दावा करते दिखे कि राधा रानी की विवाह अनन्य घोष नाम के व्यक्ति से हुआ था.
इस वीडियो पर प्रेमानंद महाराज भड़क गए थे और उन्होंने प्रदीप मिश्रा पर बरसते हुए कहा कि उन्हें नरक में जाने से कोई नहीं बचा सकता. उन्हें ऐसी बात करने पर शर्म आनी चाहिए. विवाद बढ़ने के बाद मथुरा से लेकर उज्जैन तक तमाम साधु संतों ने प्रदीप मिश्रा की आलोचना की और उनसे बरसाना जाकर माफी मांगने को कहा था.
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