Muzaffarnagar Mahapanchayat: मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को होने वाली महापंचायत में कई राज्यों के किसान इकट्ठा हो रहे हैं. ऐसे में किसानों के ठहरने और उनके खानपान की व्यवस्था किस तरह से की जा रही है. इसी की पड़ताल एबीपी गंगा की टीम ने मुजफ्फरनगर के उन इलाकों में जाकर कि जहां पर किसानों के ठहरने और उनके भोजन की व्यवस्था की जा रही है.


एबीपी गंगा की टीम सबसे पहले मुजफ्फरनगर बस अड्डे के पास पहुंची जहां पर किसानों के लिए लंगर तैयार किया जा रहा है. लंगर में साफ-सफाई और खाने के मैन्यू पर विशेष ध्यान रखा गया था. पूड़ी सब्जी सलाद के साथ मीठाई में खीर बनाई जा रही थी, ताकि किसानों को स्वादिष्ट भोजन परोसा जा सके. 


इतना ही नहीं भंडारे के लिए लगातार राशन सामग्री पहुंच रही थी, जिसमें आटा, चावल, दाल, तेल, रिफाइंड, घी, आलू, प्याज और टमाटर शामिल है. भंडारे में काम कर रहे लोगों का कहना था कि यहां पर 24 घंटे भंडारा चालू रहेगा ताकि जब भी किसान यहां पहुंचे तो उन्हें ताजा और गर्म खाना मिल सके. 


भंडारे में रोटी बनाने और आटा गूंथने के लिए मशीन लगाई गई थी, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में रोटी तैयार की जा सके. इतना ही नहीं भारी तादात में भंडारे में काम करने वाले लोग भी लगे हुए थे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लंगर किसानों के लिए तैयार किया जा सके.


इसके बाद एबीपी गंगा की टीम मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन के पास पहुंची. जहां पर भंडारे की तैयारी की जा रही थी. यहां पर भंडारे में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों को देखकर अंदाजा लगा सकता है कि भंडारे की तैयारी किस तरह से की जा रही है. यहां पर करीब 30 हजार किसानों के लिए खाना बनाने की तैयारी की जा रही थी और बताया गया कि अगर किसानों की तादाद बढ़ेगी तो यहां पर भंडारे की मात्रा भी बढ़ाई जाएगी. 


इसके बाद हमारी टीम उस जगह पहुंची जहां पर किसानों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही थी. टीम ने देखा कि टेंट लगा कर किसानों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही थी. ये व्यवस्था सिर्फ यहीं पर नहीं हो रही थी, मुजफ्फरनगर के हर इलाके में इसी तरह की व्यवस्था की जा रही थी ताकि जो भी किसान अन्य राज्यों से मुजफ्फरनगर पहुंच रहे हैं उन्हें रहने और खाने की कोई दिक्कत ना हो. 


इसके बाद हमारी टीम मुजफ्फरनगर के भोपा रोड पंजाबी बारात घर पहुंची. जहां पर काफी तादाद में किसानों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही थी. पूरे हॉल में गद्दे लगाए जा रहे थे और इस बारात घर में जो भी रूम थे उसमें भी गद्दे लगाकर किसानों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही थी. 


टीम ने वहां व्यवस्था देख रहे सुरेंद्र सिंह से बात की और जानने की कोशिश की कि आखिरकार किसानों के ठहरने के लिए किस तरह की व्यवस्था की जा रही है तो उन्होंने बताया कि पूरे हाल में गद्दे लगाए जा रहे हैं ताकि किसानों के रुकने और  विश्राम करने में कोई दिक्कत ना हो. 


उन्होंने बताया कि किसानों को लेकर इस तरह की तैयारी पूरे जिले में की जा रही है. महापंचायत में लाखों की संख्या में पहुंचने वाले किसानों को रुकने और खाने की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए हरियाणा, पंजाब और मुजफ्फरनगर के हजारों किसान भंडारे और किसानों के ठहरने की व्यवस्था में लगे हुए हैं.


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