हरिद्वार. धर्मनगरी हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले में 12 और 14 अप्रैल को दो शाही स्नान है. दो शाही स्नान 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या को और 14 अप्रैल मेष संक्रांति व बैसाखी में पढ़ रहे हैं. शाही स्नान को लेकर अखाड़ों ने तैयारी पूरी कर ली है. सभी अखाड़े अपने नंबर के हिसाब से शाही अंदाज में हर की पौड़ी स्नान करने जाएंगे. इस बार सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा शाही स्नान करेगा.
तैयारियों में जुटा मेला प्रशासन
कोरोना के चलते इस बार कुंभ में श्रद्धालुओं की खास रौनक नहीं है. हालांकि फिर भी दो शाही स्नानों को लेकर मेला प्रशासन और साधु-संत तैयारियों में जुटे हैं. शाही स्नान अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं. इस दिन वे अपने ईष्ट देवता की धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा करते हैं और शहर भर में शाही अंदाज से हर की पौड़ी पर स्नान करने जाते हैं. अखाड़ों के सबसे पहले आचार्य महामंडलेश्वर स्नान करते हैं और उसके बाद दूसरे संतों को स्नान की अनुमति दी जाती है.
देश के कोने-कोने से आए तमाम नागा बाबा शोभा यात्रा आकर्षण होते हैं. इस बार सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा शाही स्नान करेगा और दूसरे नंबर पर जूना अखाड़े के संत शाही स्नान करेंगे. अखाड़ा के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने सभी अखाड़ों से बात कर शाही स्नान के लिए नंबर और वक्त तय कर दिया है.
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