मेरठ: नवरात्रि की तैयारियां शुरू, मां के श्रंगार और सजावट के सामानों से बाजार सजे, लोगों में उत्साह
कोरोना काल में संक्रमण के खतरे के चलते लंबे अरसे तक जनजीवन असामान्य रहा. लेकिन अब धीरे धीरे नियमों का पालन करते हुये लोग सावधानी बरतते हुये बाहर निकल रहे हैं. वहीं, नवरात्रि की चहल पहल भी बाजारों में बढ़ गई है.
मेरठ. 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं, जिसे लेकर बाजार में रौनक फिर से लौट आई है. जहां दुकानों में तरह-तरह की चुनरी, मां की मूर्तियां और श्रृंगार के सामान उपलब्ध हैं. वहीं, श्रद्धालु भी जमकर खरीददारी कर रहे हैं और उनका कहना है कि अब मां ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से पूरे देश को बचाएंगी.
नौ दिन तक मां की भक्ति में लोग उपवास रखते हैं. इस दौरान घर में कलश स्थापाना और जगह जगह मां दुर्गा की विशाल मूर्तियों वाले पंडाल लगते हैं. नवरात्रों में मां से जो भी सच्चे दिल से मांगता है, उसकी सभी मुरादें पूरी होती हैं और इस बार हर श्रद्धालु मां से यही विनती करता हुआ दिख रहा है कि मां इस वैश्विक महामारी से इस देश के लोगों को बचाएं और फिर पहले जैसी खुशियां और पहले जैसी नवरात्रों की यादें लौटा कर अपने भक्तों पर रहम करें.
बाजारों में बढ़ी चहल पहल
यह मार्केट की रौनक मेरठ के आबूलेन की हैं, जहा मां की एक से बढ़कर एक मूर्तियां आपको देखने को मिलेंगी. साथ ही माँ की चुनरी, मुकुट सहित श्रृंगार का पूरा समान यहां मिलता है और मां के भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ माँ के श्रंगार का सामान खरीद रहे हैं. इतना ही नहीं हर भक्त इस बार मां से यही दुआ मांग रहा है कि इस कोरोना महामारी से देश को निजात दिला दे मां. इस बार कोरोना काल को देखते हुए मां और जय माता दी के नाम से बने मास्क भी बाजारों में सजे हैं.
मूर्तियों का श्रंगार
वहीं, कुछ लोग मां की मूर्तियों को लाकर उनका श्रृंगार भी करा रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि जो लोग मां का श्रंगार कराने आते हैं, उन्हें मूर्तियों को एक दिन छोड़कर जाना होता है. वहीं, मां का श्रंगार भी दो तरह से किया जा रहा है. एक पेंटिंग के जरिए मां की मूर्तियों को और खूबसूरत बनाने की अद्भुत कला भी देखने को मिल रही है तो वहीं कुछ दुकानदार मां के मोती और सितारों से जड़े वस्त्र उनके श्रृंगार की सामग्री पहना कर मां को सजाने का काम करते दिखे.
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