RO/ARO PRE Exam 2023: आरओ/ एआरओ प्रारंभिक परीक्षा- 2023 एक ही दिन कराने पर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग विचार कर रहा है. प्रारंभिक परीक्षा का प्रारूप तय करने को लेकर गठित कमेटी ने हाल ही में एक बैठक आयोजित की जिसमें इससे जुड़े कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. हालांकि एक दिवसीय परीक्षा को संपन्न कराने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिनमें एग्जाम सेंटर की उपलब्धता प्रमुख है. इसके अलावा पारदर्शिता बनाए रखने के लिए के लिए आयोग नई परीक्षा व्यवस्था के तहत परीक्षा आयोजित कराने पर विचार कर रहा है. इससे एक ही पाली में कई तरह की परीक्षा संपन्न करा ली जाएगी.
प्री परीक्षा एक ही दिन में संपन्न कराने लिए आयोग को 23 सौ परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता पड़ेगी, इतने परीक्षा केंद्रों को अरेंज करना आयोग के लिए बड़ी चुनौती है. आयोग केंद्र निर्धारण के मानकों पर खरे उतरने वाले केंद्रों का सही चयन, बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और ट्रांसपोटेशन सुविधाओं के आधार पर मूल्यांकन कर रहा है. ऐसा इसलिए कि आरओ/ एआरओ परीक्षा पीसीएस की तरह विशिष्ट परीक्षा की श्रेणी में नहीं आती है, जिससे इसको केंद्र निर्धारण की गाइडलाइन कोई छूट नहीं मिली.
ऐसी होगी नई व्यवस्था
इस स्थिति में PSC से दोगुना छात्र संख्या वाली यह परीक्षा एक दिन में कराना आयोग के लिए बड़ी चुनौती है. इसके बावजूद समिति एक दिवसीय परीक्षा कराने पर ध्यान दे रही है. आयोग की बैठक में नई परीक्षा योजना के आधार पर एक दिवसीय परीक्षा कराने को लेकर चर्चा हुई. नई परीक्षा योजना में सामान्य अध्ययन और सामान्य हिंदी के दोनों प्रश्नपत्रों को एक ही ही प्रपत्र में समाहित किया गया है. इसमें 200 प्रश्नों में से 140 सामान्य अध्ययन से और 60 सामान्य हिंदी से होंगे.
यह परीक्षा तीन घंटे की होगी. पहले की व्यस्था में अलग-अलग पालियों में सामान्य अध्ययन और सामान्य हिंदी की परीक्षा होती थी. हालांकि आयोग परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता, सुरक्षा और छात्र की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ही इस पर कोई निर्णय लेगा. आयोग दस लाख से अधिक अभ्यर्थियों वाली आरओ/एआरओ प्री परीक्षा एक दिन करा लेता है, यदि ऐसा होता है तो यह अन्य बड़ी परीक्षाओं के लिए मॉडल बन सकता है.
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