Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को फिर दोहराया कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है. देहरादून में मुख्यमंत्री आवास में एक कार्यक्रम ‘पांचजन्य संवाद’ में मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के संबंध में चुनाव से पूर्व किए अपने वायदे को पूरा करने की दिशा में हमने महत्वपूर्ण कदम उठाया है.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की पहली बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिये विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी.’’ धामी ने कहा कि न्यायविदों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य हितधारकों की यह समिति उत्तराखंड के लिये समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्कृति एवं शांतिपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिये जरूरी है कि अराजक तत्व राज्य में प्रवेश न कर पाएं और इसके लिये उन्होंने प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर नागरिकों के सत्यापन का अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं.
अगले माह शुरू हो रही चारधाम यात्रा
मुख्यमंत्री के निर्देश पर अगले माह शुरू हो रही चारधाम यात्रा से पहले उत्तराखंड पुलिस ने 21 अप्रैल से प्रदेश में बाहर से आए लोगों के सत्यापन के लिए 10 दिवसीय सघन अभियान शुरू किया है. प्रदेश को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप इस दशक को ‘उत्तराखंड का दशक’ बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रयास में राज्य को केंद्र से भी पूरा सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा में शामिल होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि अब तक जितने श्रद्धालु उत्तराखंड आए हैं, उससे कई गुना अधिक श्रद्धालु अगले 10 सालों में देवभूमि उत्तराखंड आयेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार एवं स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां राज्य में सरकारी क्षेत्र में भर्ती प्रक्रियाएं तेजी से चल रही हैं वहीं लोगों को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. उत्तराखंड को सामरिक दृष्टि महत्वपूर्ण बताते हुए धामी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों से विस्थापन रोकने और सुविधायें मुहैया करवाने के लिए भी अनेक पहल की गई है.
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