वाराणसी: महादेव की नगरी काशी में महाशिवरात्रि का मौका खास होता है. काशी वासी इस दिन को पर्व की तरह मनाते हैं. हर हर महादेव के जयाकरे लगाते है. भांग ठंडाई छानते हैं, लिहाजा प्रशासनिक तैयरियां भी जबरदस्त होती हैं. महाशिवरात्रि यानी वो पर्व जो भगवान शिव और माता पार्वती के पाणिग्रहण का दिन होता है. महादेव की नगरी काशी में इस दिन को उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. भक्त महादेव के दरबार में पहुंचते हैं और उनका दर्शन करते हैं, जलाभिषेक करते हैं.


भक्तों के लिए किए गए हैं खास इंतजाम
इस बार महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा के दरबार में भक्तों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. दर्शन के लिए कुल चार द्वार बनाए गए हैं और वीआईपी दर्शन अलग द्वार से होगा. भक्त इस बार गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. लिहाजा, झांकी दर्शन की व्यवस्था की गई है. चारों द्वार पर एलईडी लगेगी और बाबा के दरबार में पहुंचने के लिए कार्पेट लगेगा.


काशी में जमने लगा है रंग
बात जब भोलेनाथ के वैवाहिक उत्सव की है तो उनके प्रसाद भांग का मिजाज भी इन दिनों थोड़ा हरा है. कहते हैं काशी आने वाला हर कोई जब महाशिवरात्रि के नजदीक भोलेनाथ की नगरी में आता है तो इसका सेवन जरूर करता है. महाशिवरात्रि के दिन तो काशी इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर शिवत्व में लीन हो जाता है. ऐसे में अभी से काशी में रंग जमने लगा है. भांग और ठंडाई की बिक्री बढ़ी हुई है. विक्रेता भी खास तैयारी में हैं.


पूरी हैं प्रशासनिक तैयारियां
काशी में महादेव के वैवाहिक उत्सव का रंग और भांग का अनोखा मेल होने वाला है. प्रशासनिक तैयारियां पूरी हैं और अनुमान है कि पांच लाख भक्त इस दिन भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने वाले हैं.


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