Uttarakhand News: उत्तराखंड में जैसा अनुमान लगाया जा रहा था ठीक वैसा ही हुआ. राष्ट्रपति चुनाव (President Elections) में कांग्रेस  (Congress) के 19 विधायकों में 15 ने ही यशवंत सिन्हा (Yashwant Singha) के समर्थन में वोट दिया. कांग्रेस विधायक द्वारा की गई क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) पर पीसीसी चीफ ने सख्त रुख अपनाया है. 


क्रॉस वोटिंग से हाईकमान हुआ अलर्ट


उत्तराखंड के एक कांग्रेस विधायक ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट दिया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि जिस विधायक ने क्रॉस वोटिंग है वह चोर और दगाबाज है. उन्होंने कहा कि यह अनुशासनहीनता का मामला है और क्रॉस वोटिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, जिन दो विधायकों ने वोट नहीं दिया है और जिसका वोट खराब हुआ है इस पर भी कमेटी जांच करेगी. दरअसल, क्रॉस वोटिंग के बाद पार्टी हाईकमान ने जांच के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं.


क्रॉस वोटिंग से बीजेपी खेमे में खुशी


उधर, कांग्रेस के क्रॉस वोटिंग से बीजेपी के नेता उत्साहित हैं. उन्होंने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक का आभार जताया है. कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्रौपदी मुर्मू को जब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था उसी वक्त यह तय हो गया था कि विपक्ष की ओर से बड़े स्तर पर क्रॉस वोटिंग की जाएगी. बता दें कि विधानसभा चुनाव में मिली हार की टेंशन से कांग्रेस उबरी नहीं थी कि राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग ने कांग्रेस को एक और टेंशन दे दी है. ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष उस विधायक की तलाश में जुट गए हैं जिसने कांग्रेस के खिलाफ जाकर वोटिंग की है. 


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उत्तराखंड में किसने किसे दिया वोट


उत्तराखंड में द्रौपदी मुर्मू को 51 विधायकों के वोट मिले जबकि यशवंत सिन्हा के पक्ष में 15 विधायकों ने मतदान किया. उत्तराखंड में 70 में से 67 विधायक ने ही मतदान किया था जिसमें से एक विधायक का मत अवैध हो गया. बीजेपी के चंदन राम दास वोट नहीं दे पाए, जबकि दो निर्दलीय और दो बसपा विधायकों ने भी द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया. कांग्रेस के 19 विधायकों में दो अनुपस्थित रहे और 17 ने ही मतदान में हिस्सा लिया. कांग्रेस के अनुपस्थित विधायकों के नाम तिलकराज बेहड़ और राजेंद्र भंडारी हैं.


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