कानपुर. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने तीन दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंच चुके हैं. कानपुर में वो अपने करीबियों से मुलाकात कर रहे हैं. कल वो अपन पैतृक गांव परौंख के लिए रवाना हो जाएंगे. राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंच रहे हैं. ऐसे में उनसे मिलने के लिए लोग बेहद उत्साहित हैं.
मैक्रोबर्ट गंज के लाल इमली कंपाउंड में रहने वाली उनकी मुंहबोली बहन गंगाजली को भी अपने भाई का बेसब्री से इंतजार है. गंगाजली और उनके बेटे रामनाथ कोविंद से एक मुलाकात की दरकार कर रहे हैं. रामनाथ कोविंद अपनी मुंहबोली बहन और बहनोई के साथ करीब 10 साल लाल इमली कर्मचारी आवास में रहे और पढ़ाई-लिखाई की. उनके पड़ोस में रहने वाली मुंहबोली बहन गंगाजली 102 वर्ष की हैं.
भाई रामनाथ से मिलने की रट
गंगाजली का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता. गिरने से कूल्हा टूटने के कारण वो चलने फिरने में भी असमर्थ हैं. गंगाजली का छोटा बेटा और बहू उनकी देखरेख करते हैं. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बहन का इलाज नही हो पा रहा है. गंगाजली को जब ये पता चला कि उनके मुंहबोले भाई रामनाथ कोविंद कानपुर आ रहे हैं. इस पर उन्होंने एक ही रट लगा रखी है कि कोई उन्हें रामनाथ कोविंद से मिलवा दे. गंगाजली उनको राखी बांधती आई हैं और महामहिम उनको जिज्जी बोलते थे.
चारपाई से गिरकर टूटा था कूल्हा
गंगाजली के चार बेटी और बेटे हैं, जिनमें तीन लड़के उनका साथ छोड़ चुके हैं. छोटा बेटा जागेश्वर ही किसी तरह गुजर-बसर कर रहा है. कुछ दिन पहले वो चारपाई से गिर गई थी जिसके चलते उनका कूल्हा टूट गया. गंगाजली के बेटे-बहू ने उन्हें जब से ये बताया है कि उनके मुंहबोले भाई राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर आ रहे हैं, तब से वो उनसे मिलने की बात कह रही हैं. गंगाजली को भरोसा है कि जैसे ही राष्ट्रपति को पता चलेगा वो उनका इलाज करवा देंगे.
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