Watch: नौनिहालों के बीच पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी, पूछे रोचक सवाल, जानिए- किस सवाल पर मुस्करा उठे बच्चे
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को कानपुर देहात में बच्चों के बीच पहुंचे और उनसे बड़ी रोचक बातें कीं. अपने बीच उन्हें देखकर बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था.
PM Modi Kanpur Visit: कानपुर देहात के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नौनिहालों के बीच पहुंचे और बड़ी रोचक बातचीत की. इस दौरान सीएम योगी आदित्याथ भी उनके साथ मौजूद थे. अपने बीच राष्ट्रपति, पीएम और सीएम को देखकर बच्चे और उनके अभिभावकों के चेहरे पर मुस्कान खिल गई. बता दें कि परौंख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पैतृक गांव है.
'स्कूल कौन-कौन जाता है?'
बच्चे और उनके अभिभावक गांव के रामलीला मंचन के चबूतरे पर बैठे हुए थे. पीएम मोदी इस दौरान बालमन को टटोलते नजर आए और उनसे रोचक सवाल पूछे. पीएम मोदी ने बच्चों से सबसे पहले उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा. पीएम मोदी ने परिजनों संग बैठे बच्चों से पूछा कि उनमें से कौन-कौन हैं जो स्कूल जाते हैं? इस पर सभी बच्चों ने हाथ ऊपर कर दिया. इस पर पीएम ने संतोष जताया. इसके बाद उन्होंने बच्चों से मजाकिया अंदाज में पूछा कि कौन है जो घर पर अपनी बहन को मारते हैं? इतना सुनते ही वहां मौजूद बच्चे हंसने लगे. इसके बाद उन्होंने यह भी पूछा कि कौन बहन है जो घर पर अपने भाई को मारती है. इस पर एक छोटी बच्ची ने अपने भाई की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह मारता है. यह सुनकर राष्ट्रपति कोविंद हैरान होकर मुस्कराने लगे.
'कभी हमारे भी गांव आओ'
पीएम मोदी ने इन बच्चों को अपने गांव बुलाया. इसके पहले उन्होंने इन बच्चों से यह जानने की कोशिश की किसने दिल्ली, कानपुर और लखनऊ की यात्रा की है. इस सवाल पर कुछ बच्चों ने हाथ उठाए. इसके बाद अगला सवाल पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को लेकर था. उन्होंने पूछा, 'कोई काशी गया है क्या?, काशी जाना चाहिए, मैं आपके गांव आया हूं, वैसे ही आपको मेरे गांव आना चाहिए, मेरा गांव काशी में हैं.'
पीएम मोदी ने इससे पहले परौंख में एक जनसभा को संबोधित किया था. जिस दौरान उन्होंने कहा कि इस मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं उसकी साक्षी दुनिया बन रही है. वह खुद मुझे लेने हेलीपैड पर लेने आए. राष्ट्रपति जी ने मुझसे कहा कि मैं संविधान की मर्यादाओं का पालन करता हूं लेकिन कभी-कभी संस्कार की भी अपनी ताकत होती है. आज आप मेरे गांव आए हैं, मैं यहां पर अतिथि का सत्कार करने आया हूं.
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